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टिकट ना मिलने पर छलका चेतन बरागटा का दर्द, सार्वजनिक मंच पर फूट-फूट कर रोए
Last Updated on October 7, 2021 by Vishal Rana
कोटखाई। हिमाचल में उपचुनावों के लिए बीजेपी उम्मीदवारों की सूची जारी होते ही हलचल मच गई। जो नेता चुनावी मैदान में उतरने की आस लगाए हुए थे उनके हाथ जब मायूसी लगी तो खुले मंच से नाराजगी भी जताई। जुब्बल कोटखाई विधानसभा क्षेत्र से स्व, नरेंद्र बरागटा के पुत्र चेतन बरागटा टिकट की आस लगाए हुए थे, लेकिन पार्टी ने टिकट दिया नीलम सरैइक को। टिकट ना मिलने के बाद क्षुब्ध चेतन बरागटा का दर्द सार्वजनिक मंच पर छलका और वे जनता से समक्ष फूट-फूट कर रो पड़े।
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गुम्मा में एक जनसभा में चेतन बरागटा बोले- मैंने नहीं बोला था कि चुनाव लड़ना है। पिता का देहांत को 15 दिन हुए थे। अस्थियां विसर्जित करके घर पहुंचा तो पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने फील्ड मे जाने के आदेश दिए। आप ही बीजेपी का चेहरा होंगे ये भी कहा। इसके बाद बीते तीन माह से जनता के बीच जा रहा हूं। लेकिन जब टिकट देने की बारी आई तो परिवारवाद की उपज कहकर बाहर का रास्ता दिखाया है।
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बरागटा का कहना था कि उन्होंने 15 वर्ष संगठन के लिए राष्ट्रीय स्तर से प्रदेश स्तर तक कार्य किया। जब पिता नरेंद्र बरागटा पीजीआई में अंतिम सांसें गिन रहे थे। वे संगठन का कार्य कर रहे थे। अगर पार्टी जुब्बल कोटखाई के आम कार्यकर्ता को टिकट देती तो अफसोस नहीं होता। आज ऐसे प्रत्याशी को टिकट दिया है जो 15 वर्षों से बीजेपी मंडल में नहीं है। चेतन ने यहां तक कह डाला कि अगर क्षेत्र की जनता बोलेगी कि हमारा नेतृत्व करो। तो वे किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार है। बरादटा ने कहा कि उनके पिता हमेशा हमेशा बागवानों के लिए लड़े। वो भी उनके कदमों पर चलकर हमेशा बागवानों के हितों के लिए काम करेंगे। इस दौरान वहां पर उपस्थित कई संगठन के कार्यकर्ताओं ने टिकट आबंटन को लेकर नाराजगी जताई।