-
Advertisement
हैवी वर्कआउट करते जांघों, कूल्हों और पैरों में दर्द हो तो हो जाएं सावधान
आजकल कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) बढ़ना आम बात हो गई है। इसका मुख्य कारण जीवन की खराब शैली है। आजकल तकनीकी (Technology) का युग है। जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी ने सुविधा देनी शुरू की है हम ज्यादातर आलसी (lazy) होते जा रहे हैं। हम मेहनत नहीं करते इसलिए शरीर में फैट जमना शुरू हो जाती है। भविष्य में यही फैट हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, हृदयाघात, कोरोनरी जैसी बीमारियों का कारण बनता है। अब आपको यह भी पता होना चाहिए कि आखिर कोलेस्ट्रॉल क्या होता है। यह एक चिपचिपा पदार्थ होता है। यह गुड और बैड दोनों ही प्रकार का हो सकता है।
यह भी पढ़ें:अंकुरित मेथी खाने से दूर हो जाते हैं कब्ज जैसे रोग
गुड कोलेस्ट्रॉल के जरिए शरीर में हेल्दी सेल्स बनते हैं वहीं बैड कोलेस्ट्रॉल बीमारियों को जन्म देता है। एक स्वस्थ आदमी में 200 मिलीग्राम, डीएल तक कोलेस्ट्रॉल होना चाहिए। मगर इसका लेवल 240 मिलीग्राम, डीएल के पार पहुंच जाए तो समझ लीजिए अब खतरा बढ़ने वाला है। ऐसी दशा में हमें अपनी जीवन शैली में सुधार और खानपान में बदलाव की जरूरत होती है।
मान लो अगर कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ जाए तो पेरिफेरल ऑर्टरी डिजीज हो सकती है। इससे धमनियों को नुकसान पहुंचता है। इससे धमनियां सिकुड़ने लगती हैं और ब्लड सर्कुलेशन पर बुरा असर पड़ता है। जैसा कि बताया कि ऑर्टरी डिजीज से शरीर में खून प्रभावित होता है और शरीर में परिवर्तन आने लगता है। जब हम एक्सरसाइज या भारी वर्कआउट करते हैं तो जांघों, कूल्हों और पैरों (Thighs, Hips and Legs) में तेज दर्द होने लगता है। इसलिए ऐसी दशा में लापरवाही ना बरतें।