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मंडी। हिमाचल के मंडी (Mandi) जिला में मनाया जाने वाला सात दिवसीय अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव (International Shivratri Festival) आज मंगलवार से शुरू हो गया। सीएम जयराम ठाकुर ने पारंपरिक रिति रिवाजों का निर्वहन करते हुए इस भव्य देव समागम का विधिवत शुभारंभ किया। डीसी ऑफिस मंडी के परिसर में सीएम जयराम ठाकुर, मंत्रीगणों और विधायकों सहित अन्य गणमान्य लोगों को पारंपरिक पगडि़यां पहनाई गई। इसके बाद सीएम ने राज माधव राय मंदिर में विधिवत पूजा अर्चना की। पूजा अर्चना के बाद राज माधव राय की पालकी निकली और भव्य जलेब (शोभायात्रा) की शुरूआत हुई। इस शोभायात्रा में जिला भर से आए देवी-देवताओं के रथों के साथ देवलुओं ने भाग लिया।
ढोल-नगाड़ों की थाप और देवलुओं के नाच के साथ यह जलेब (Jaleb) पड्डल मैदान पहुंची। इससे पहले सीएम जयराम ठाकुर (CM Jai Ram Thakur) ने सभी को अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव की बधाई दी। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश देवभूमि है और यहां देवसमाज से जुड़े आयोजन बड़े स्तर पर मनाए जाते हैं। हालांकि कोविड (Covid) के कारण इस बार शिवरात्रि महोत्सव को सूक्ष्म रूप में मनाने की तरफ विचार होने लगा थाए लेकिन भगवान शिव की कृपा से कोरोना के मामलों में गिरावट आई जिसके बाद यह भव्य आयोजन पूर्व की तरफ आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने लोगों से इस महोत्सव का पूरा आनंद उठाने का आग्रह किया है।
इससे पहले जयराम ठाकुर ने मंडी शहर के साथ लगते कांगनीधार में 35 करोड़ की लागत से बने संस्कृति सदन का विधिवत रूप से शुभारंभ किया। वर्ष 2015 में इस सदन का शिलान्यास किया गया था और 2017 में इसका निर्माण कार्य शुरू हुआ। अब यह भवन पूरी तरह से बनकर तैयार हो गया है। इस भवन में देवी-देवताओं के ठहरने की उचित व्यवस्था की गई है। जिला भर से आने वाले देवी-देवताओं को अब यहीं पर ठहराया जाएगा, जिससे इनके ठहरने की समस्या का समाधान हो गया है। सीएम जयराम ने इसके लिए देव समाज को बधाई दी। उन्होंने कहा कि कुल्लू (Kullu) जिला की तर्ज पर बने इस संस्कृति सदन का शिवरात्रि महोत्सव के दौरान देव समाज के लिए इस्तेमाल होगा जबकि वर्ष भर इस भवन को अन्य आयोजनों के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।
मंडी जनपद के अराध्य देव कमरूनाग सदियों से चली आ रही परंपरा को तोड़कर संस्कृति सदन (Culture House) के शुभारंभ पर विशेष रूप से उपस्थित हुए। बता दें कि देव कमरूनाग जब भी महोत्सव में भाग लेने मंडी आते हैं तो 8 दिन टारना माता मंदिर में ही विराजमान रहते हैं। लेकिन इस बार वे परंपरा को तोड़ते हुए संस्कृति सदन के शुभारंभ समारोह में पहुंचे। सबसे पहले देव कमरूनाग ने ही सदन में प्रवेश किया। बता दें कि देव कमरूनाग से देव समाज के लोगों ने सबसे पहले प्रवेश का आग्रह किया था, जिसे स्वीकार करते हुए देव कमरूनाग (Dev Kamrunag) परंपरा को तोड़ते हुए यहां पहुंचे।
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