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फीकी-फीकी Holi के बीच सीएम Jai Ram के सरकारी आवास पर नाटी, रंग लगाकर दी बधाई
शिमला। आज रंगों का त्योहार होली ( Holi)मनाया जा रहा है। कोरोना ( Corona)के एक बार फिर से बढ़ते प्रकोप के बीच होली के रंग भी फीके पड़ गए हैं। प्रदेश में होली के त्योहार को सार्वजनिक रूप से मनाने पर सरकार ने बंदिशें लगाई है। ऐसे में लोग घर पर ही परिवार के साथ होली मना रहे है। सीएम जयराम ठाकुर ( CM Jairam Thakur) ने भी अपने सरकारी आवास ओक ओवर( Oak over) में सादे तरीके से होली मनाई। इस अवसर पर सीएम आवास में उन्हें रंग लगाने पहुंचे लोगों ने नाटी भी डाली। जयराम ठाकुर ने देश व प्रदेश वासियों को होली की शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि कोरोना के चलते प्रदेश में सार्वजनिक स्थानों (Public places)पर होली मनाने पर पाबंदी लगाई गई है। ऐसे में लोग घरों में ही रह कर अपने परिवार के साथ होली मनाएं। जिससे कोरोना संक्रमण ( Corona infection)को फैलने से रोका जा सके।
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बेशक हिमाचल प्रदेश के तीन जिलों कांगड़ा, कुल्लू और मंडी के कई क्षेत्रों में रविवार को होली मनाई गई जबकि अन्य स्थानों पर आज यह त्योहार मनाया जा रहा है। कोरोना गाइडलाइंस के चलते आज लोग होली के रंगों से बचते हुए नजर आ रहे हैं। प्रदेशभर से मिले इनपुट के मुताबिक इस वक्त तक लोग घरों में या फिर परिजनों के साथ ही होली खेल रहे हैं। सरकार की ओर से भी परिजनों के साथ त्योहार मनाने का आह्वान लोगों से किया गया है।
शिमला में रिज व मालरोड पर कुछ पर्यटकों को ही होली खेलते देखा गया है। शहर के अधिकांश इलाकों में जहां कभी होली पर उत्साह और खासा शोर शराबा होता था। वह आज नजर नहीं आया। हालांकि इस शहर में पुलिस भी वहां पर मौजूद है और लोगों पर नजर बनाए हुए है।जिन लोगों ने रंग बेचने के लिए रखा है उनके पास भी इस बार रंग खरीदने के लिए बहुत हम लोग पहुंचे हैं। हालांकि उन्हें ग्राहकों का इंतजार है।
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भगवान रघुनाथ का नगरी कुल्लू में हुआ होलिका दहन
कुल्लू में रघुनाथपुर और हरिपुर में प्राचीन परंपरा का विधिवत निर्वहन करते हुए गत रात्रि होलिका दहन किया गया । भगवान रघुनाथ अपने मंदिर से लाव लश्कर के साथ रूपी पलैस मैदान में पहुंचे जहां पर मुख्य छड़ीबरदार महेश्वर सिंह और रघुनाथ के सेवकों ने फाग की विधिपूर्वक पूजा अर्चना की गई। इसके बाद रूपी पैलेस के बाहर मैदान में दो स्थानों पर सजाई गई होलिका के चारों ओर परिक्रमा करने के उपरांत उसे जलाया गया। इस दौरान भगवान नरसिंह की भी पूजा अर्चना की गई। भगवान रघुनाथ के छड़ीबरदार महेश्वर सिंह ने विधिवत पूजा अर्चना कर प्राचीन परंपरा का निर्वहन किया और महंत समुदाय के लोगों ने पारंपरिक होली गीत भी गाए। होलिका दहन के उपरांत यहां सैंकड़ों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालु लकड़ी और राख को अपने घरों में ले गए। मान्यता है कि लकड़ी व राख को घर में ले जाने से बुरी शक्तियों का नाश हो जाता है। और घर में सुख समृद्वि रहती है।