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सुर्खियों में बने रहने के लिए विपक्ष हर रोज़ कर रहा प्रदर्शन- बोले सीएम
CM Sukhvinder Singh Sukhu: शिमला। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू (CM Sukhvinder Singh Sukhu) की अध्यक्षता राज्यसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस विधायक दल की बैठक विधानसभा में हुई। बैठक के दौरान सीएम सुक्खू ने सभी विधायकों को कांग्रेस के प्रत्याशी के पक्ष में वोट करने का आग्रह किया। वहीं, चुनाव से संबंधित चुनाव आयोग के निर्देशों की भी विधायकों को जानकारी दी।
बैठक के बाद सीएम सुक्खू कांग्रेस प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवी की जीत का दावा करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी कर सभी विधायक एकजुट हैं और सिंघवी का राज्यसभा के लिए चुना जाना तय है। सीएम ने तीनों निर्दलीय विधायक के समर्थन का भी दावा किया है। क्रॉस वोटिंग के सवाल पर सीएम ने कहा कि राज्यसभा चुनाव के लिए चुनाव आयोग (Election Commission) के नियमों में कुछ बदलाव हुआ है, जिसके मुताबिक पोलिंग एजेंट को दिखाकर वोट करना होगा ऐसे में क्रॉस वोटिंग की कोई संभावना नहीं है। वहीं, विपक्ष के उद्योगों के पलायन के आरोपों पर सीएम ने कहा कि अखबारों की सुर्खियों में बने रहने के लिए विपक्ष हर रोज़ प्रदर्शन (Protest) कर रहा है अगर किसी उद्योग का पलायन हुआ है तो विपक्ष (Opposition) उसका नाम बताएं।
उद्योगों के पलायन की बात सरासर गलत है
उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि हिमाचल प्रदेश से उद्योगों के पलायन (Migration of Industries) की बात सरासर गलत है। इस दौरान उद्योग मंत्री ने विपक्ष के आरोपों को निराधार बताया। उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि प्रदेश की वर्तमान सरकार उद्योगों के लिए काम कर रही है। इस दौरान उन्होंने फार्मा उद्योगों से जुड़े MOU साइन करने की भी बात कही। हर्षवर्धन चौहान ने इस मौके पर दुबई दौरे का जिक्र भी किया। हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि दुबई में अरब हेल्थ सबमिट गए थे जहां 2800 करोड़ के एम ओ यू साइन किए गए। इसके अलावा हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि मुंबई में हुई फार्मा सबमिट में भी वो हिमाचल का पक्ष रखने पहुंचे इसमें 3000 करोड़ के MOU साइन किए। उन्होंने कहा कि बीते वर्षों में एक दो उद्योग पहले भी छोड़ कर जाते रहे हैं। मगर उद्योगों के पलायन की बात सरासर गलत है।
वहीं, स्क्रैप पॉलिसी को लेकर उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि उद्योग विभाग ने स्क्रैप पॉलिसी बनाकर 2 महीने पहले ही मुख्य सचिव को भेज दी है। उन्होंने कहा कि पहले जो स्क्रैप पॉलिसी बनाई गई थी उसमें कुछ त्रुटियां थी। जिसे ठीक करने के बाद उसे पुनः जरूरी प्रक्रियाओं के लिए चीफ सेक्रेटरी को भेज दिया गया है। उन्होंने कहा की इसके बाद यह पॉलिसी कैबिनेट (Cabinet) में जाएगी जहां उसको अप्रूव करके अमल में लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि स्क्रैप पूरी तरह से असंगठित सेक्टर है। कितने का स्क्रैप है इसकी भी कोई पक्की जानकारी नहीं है। हालांकि विभाग का अनुमान है कि इसमें 100 करोड़ से हजार करोड़ तक का स्क्रैप हो सकता है। लिहाजा पॉलिसी को कैबिनेट में ले जाकर जरूरी प्रक्रियाओं के बाद लागू किया जाएगा।