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हिमाचल: करुणामूलक नौकरियों पर आया बड़ा फैसला, ये कर्मचारी होंगे रेगुलर
Last Updated on February 8, 2022 by sintu kumar
शिमला। हिमाचल (Himachal) में सरकारी विभागों कारपोरेशन और वार्डों में करुणामूलक आधार पर रोजगार देने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी काम करेगी। यह कमेटी सभी मामलों की समीक्षा करेगी। मंगलवार को सीएम जयराम ठाकुर (CM Jairam Thakur) के साथ भारतीय मजदूर संघ के पदाधिकारियों की बैठक में कामगारों और श्रमिकों के मुद्दों पर चर्चा हुई। भारतीय मजदूर संघ ने प्रदेश में कर्मचारी (Employees) वर्ग की मांगों को लेकर सरकार के समक्ष अपना पक्ष रखा।
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इस दौरान सीएम जयराम ठाकुर ने मीटिंग (Meeting) में बताया कि पंचायत वेटरनरी सहायक को नियमित किए जाने को नियमित किए जाने के मामले में आगामी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। सीएम ने कहा कि राज्य सरकार (State Goverment) कामगारों और श्रमिक वर्ग के कल्याण की दिशा में काम कर रही है। राज्य सरकार ने अपने चार वर्षों के कार्यकाल में दिहाड़ीदारों की न्यूनतम दिहाड़ी 210 रुपए से बढ़ाकर 300 रुपए प्रतिदिन की है, जिससे उन्हें मासिक 2700 रुपए का लाभ प्राप्त हुआ है।
आशा और आंगनबाड़ी वर्कर्ज की पगार बढ़ी
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने औद्योगिक इकाइयों में कार्य करने वाले श्रमिकों को पर्याप्त और समुचित दिहाड़ी सुनिश्चित की है। सभी दिहाड़ीदारों को साप्ताहिक अवकाश भी प्रदान किया जा रहा है। सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि गत चार वर्षों में प्रदेश सरकार ने आशा कार्यकर्ताओं (Asha Worker) की राशि में 1750 रुपए की बढ़ोतरी की है। उन्होंने कहा कि बीते चार वर्षों में राज्य सरकार ने आंगनबाड़ी कार्यकताओं (Anganwadi workers) के मानदेय में भी 2850 रुपए प्रतिमाह की बढ़ोतरी की है और आज उन्हें 7300 रुपए प्रतिमाह प्राप्त हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि अंशकालिक राजस्व कार्यकर्ताओं और स्नातक जल कार्यकर्ता लिपिक ;वाटर वर्कर क्लर्कद्ध से संबंधित मामलों पर भी सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा।
श्रमिकों और कर्मचारियों की मांगों पर किया जाएगा विचार
सीएम ने कहा कि हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम हिमाचल पथ परिवहन निगम (HRTC) और हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड सीमित के श्रमिकों और कर्मचारियों की मांगों पर भी सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा। बोर्डों और निगमों की सर्विस कमेटी की बैठकें नियमित आधार पर आयोजित की जानी चाहिए, ताकि कर्मचारियों से संबंधित मामलों का निस्तारण किया जा सके। उन्होंने कहा कि राज्य में सीमेंट संयंत्र प्रबंधकों द्वारा श्रमिकों के शोषण पर रोक लगाने के लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। विशेष तौर पर सीमेंट संयंत्रों और अन्य औद्योगिक इकाइयों में आंतरिक गतिविधियों के लिए ठेकेदारों ( Contractors) के माध्यम से सेवाएं उपलब्ध करवाने की अनुमति प्रदान की जाएगी। प्रदेश के कर्मचारियों को श्रमिकों की सभी जायज मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जा रहा है।
90 फीसदी किया जाएगा पदोन्नति का कोटा
हिमाचल में जनसंख्या अनुपात में देश में सबसे अधिक कर्मचारी हैं। उन्होंने कहा कि कोविड (Covid) महामारी ने पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया है और भारत तथा हिमाचल प्रदेश भी इसका अपवाद नहीं है। महामारी के दौरान भारतीय मजदूर संघ ने इस स्थिति से निपटने के लिए प्रदेश सरकार को अपना रचनात्मक सहयोग प्रदान किया है। उन्होंने कहा कि राज्य के कर्मचारियों ने भी परीक्षा की इस घड़ी में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। विशेष तौर पर आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और अन्य स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने महामारी के दौरान अपनी सराहनीय सेवाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि आगामी वर्ष के बजट में इस बैठक में प्राप्त सुझावों को शामिल करने का भी प्रयास किया जाएगा। सीएम (CM) ने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से पर्यवेक्षकों की पदोन्नति का कोटा 80 प्रतिशत से बढ़ाकर 90 प्रतिशत किया जाएगा।
नए पंचायतों में भरे जाएंगे 412 पद
सीएम जयराम ने अधिकारियों को नवसृजित 412 पंचायतों में पंचायत चौकीदारों के पदों को सृजित करने और भरने के निर्देश भी दिए, ताकि लोगों को सुविधा प्राप्त हो सके। इस अवसर पर भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) के अध्यक्ष मदन राणा ने कहा कि सीएम हमेशा ही कर्मचारियों और श्रमिकों की विभिन्न मांगों के प्रति संवेदनशील रहे हैं। उन्होंने सीएम से वर्ष 2022ण्23 के लिए राज्य का बजट तैयार करते समय मजदूरों और मजदूर वर्ग की विभिन्न मांगों पर विचार करने का आग्रह किया।
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