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Lok Sabha Election : बीजेपी को कुछ इस तरह से शिमला सीट में घेरने के मूड में कांग्रेस,समझे अंकगणित
Shimla Parliamentary Seat: शिमला। लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) धीरे-धीरे पहाड़ में भी अपने रंग में दिखने लगा है। हालांकि,अभी वोटिंग के लिए यहां लंबा वक्त है। लेकिन बीजेपी-कांग्रेस ने जोर-आजमाइश शुरू कर दी है। हिमाचल की सुरक्षित शिमला संसदीय सीट (Shimla Parliamentary Seat) की बात करते तो यहां वर्ष 2009 से लेकर लगातार बीजेपी का कब्जा है। वर्ष 2009 से पहले यह सीट कांग्रेस पार्टी का गढ़ मानी जाती थी। इस बार कांग्रेस के सामने इस सीट को दोबारा वापस जीतने की चुनौती है।
सुरेश कश्यप .विनोद सुल्तानपुरी में होगी टक्कर
इस सीट पर बीजेपी के प्रत्याशी सुरेश कश्यप और कांग्रेस पार्टी के विनोद सुल्तानपुरी (Congress Candidate Vinod Sultanpuri) के बीच मुख्य मुकाबला होने वाला है। विनोद सुल्तानपुरी वर्तमान में कसौली से विधायक भी हैं। उनके पिता कृष्णदत्त सुल्तानपुरी वर्ष 1980 से लेकर 1998 तक लगातार छह बार इस सीट से सांसद रहे। बीजेपी के प्रत्याशी सुरेश कश्यप (BJP candidate Suresh Kashyap) वर्ष 2019 में भी करीब 3 लाख 27 हजार वोट के बड़े मार्जिन से जीते थे। उन्होंने वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के डॉ धनीराम शांडिल को करारी शिकस्त दी थी।
सबसे ज्यादा सांसद निधि खर्च करने वाले सांसद हैं कश्यप
सुरेश कश्यप एक बार फिर चुनावी मैदान में हैं। वह करीब तीन साल तक हिमाचल बीजेपी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। सुरेश कश्यप हिमाचल के सभी सांसदों में सबसे ज्यादा सांसद निधि खर्च करने वाले सांसद भी हैं। शिमला संसदीय क्षेत्र से सांसद सुरेश कश्यप ने सांसद निधि का 123 फीसदी खर्च किया है। ऐसे में सुरेश कश्यप पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के नेतृत्व में शिमला में बीजेपी की जीत का चौका लगाने के लिए चुनावी रण में उतरे हैं।
वर्ष 2022 के विस चुनाव में बीजेपी को पड़ी थी मार
वर्ष 2014 और साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी (BJP) का शिमला में बेहतरीन प्रदर्शन रहा। लेकिन वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को यहां खासी दिक्कत का सामना करना पड़ा। शिमला संसदीय क्षेत्र के तहत आने वाली 17 विधानसभा सीटों में से सिर्फ तीन सीट पर ही बीजेपी जीत दर्ज करवा सकी। ऐसे में इस बार बीजेपी को ज्यादा जोर लगाना होगा।
शिमला सीट पर मंत्रियों की लंबी फौज
दूसरी तरफ कांग्रेस (Congress) ने भी इस मर्तबा विनोद सुल्तानपुरी को चुनावी मैदान में उतारकर अपने इरादे स्पष्ट कर दिए है। कांग्रेस इस सीट को किसी भी तरह पहले जैसे अपने कब्जे में वापस लेना चाहती है। शिमला संसदीय क्षेत्र में मंत्रियों की लंबी फौज है। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार में यहां से पांच कैबिनेट मंत्री हैं इनमें डॉ धनीराम शांडिल, हर्षवर्धन चौहान, रोहित ठाकुर, अनिरुद्ध सिंह और विक्रमादित्य शामिल हैं।
तीन सीपीएस भी इसी क्षेत्र से
रेणुका जी विधानसभा क्षेत्र के विधायक विनय कुमार को विधानसभा उपाध्यक्ष भी बनाया हुआ है। इसी विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस सरकार में तीन सीपीएस भी हैं, इनमें संजय अवस्थी, राम कुमार और मोहन लाल ब्राक्टा शामिल हैं। संजय अवस्थी (Sanjay Awasthi) कांग्रेस के वर्किंग प्रेजिडेंट भी हैं। ऐसे में कांग्रेस की इस बड़ी फौज के सामने भी यह सीट बीजेपी से वापस पाने की चुनौती रहेगी।