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Congress Rebel MLA: आज के बागी सुधीर कभी सबसे ताकतवर वजीर हुआ करते थे
Last Updated on February 29, 2024 by Himachal Abhi Abhi
Sudhir Sharma: धर्मशाला से कांग्रेस टिकट पर जीते सुधीर शर्मा आज चाहे बागी या विद्रोही कहला रहे हैं, लेकिन उन्हें राजनीति अपने पिता पंडित संतराम (Pandit Santram) से विरासत में मिली। पंडित संतराम कभी कांग्रेस का बडा चेहरा हुआ करते थे। पंडित संतराम प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रहने के अलावा,प्रदेश के शिक्षा मंत्री भी रहे। वीरभद्र सिंह (Virbhadra Singh) के जमाने में उनके खासमखास रहे पंडित संतराम के बेटे सुधीर शर्मा भी हाॅली लाॅज के बेहद करीबी रहे हैं। इसलिए ही वीरभद्र सरकार में सुधीर शर्मा सबसे ताकतवर कैबिनेट मंत्री हुआ करते थे।
सुक्खू सरकार में मंत्री बनने के इच्छुक थे
सुधीर शर्मा (Sudhir Sharma) भी सुक्खू सरकार में कैबिनेट मंत्री बनने के इच्छुक थे। लेकिन उन्हें जगह नहीं मिली और वह नाराज हो गए। उन्होंने वर्ष 1991 में 19 साल की उम्र में एनएसयूआई में शामिल होकर राजनीतिक यात्रा शुरू की। इसके बाद वह वर्ष 1994 में हिमाचल प्रदेश युवा कांग्रेस का हिस्सा बने। चार बार के विधायक सुधीर शर्मा ने वर्ष 2003 और 2007 में बैजनाथ से दो चुनाव जीते। वर्ष 2012 में उन्होंने धर्मशाला से जीत हासिल की और उन्हें वीरभद्र सिंह सरकार में आवास और शहरी विकास मंत्री के रूप में शामिल किया गया।
वर्ष 2022 में धर्मशाला से जीते
वर्ष 2022 में उन्होंने धर्मशाला में बीजेपी के राकेश चौधरी को 3,285 वोटों से हराकर चौथी बार जीत हासिल की। सुधीर शर्मा के सुक्खू (Sukhu) के साथ मतभेद के चलते उन्हें कैबिनेट में जगह नहीं दी गई। जबकि उनसे जूनियर को कैबिनेट (Cabinet) में जगह देकर उनकी नाराजगी और बढ़ गई। ऐसे करते-करते सुधीर बागी बनकर रह गए।
-रविंद्र चौधरी
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