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ट्रेन के लास्ट डिब्बे पर क्यों लगाया जाता है क्रॉस का निशान, जानिए इसका मतलब
नई दिल्ली। हमारे देश में हजारों लोग हर रोज ट्रेन में सफर करते हैं। ट्रेन (Train) में सफर करते हुए आप लोगों ने कभी एक चीज नोटिस की है कि लास्ट डिब्बे पर क्रॉस यानी X का निशान बना होता है। ऐसा क्यों होता है क्या आपने कभी सोचा है। इस निशान को लेकर आपके मन में ना जाने कितनी ही बातें चलती होंगी, लेकिन शायद आप नहीं जानते होंगे कि इसका सही मतलब क्या है। दरअसल, ट्रेन के डिब्बों पर बने हर निशान का अपना एक खास महत्व होता है। कुछ ऐसा ही इस क्रॉस के निशान के साथ भी है। आज हम आपको इसके बारे में बताते हैं।
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ट्रेन के डिब्बों पर बना ये क्रॉस का निशान (Cross Mark) आपने भी देखा होगा। ये पीले रंग का होता है क्योंकि पीले रंग की वेवलेंथ लाल और हरे के बीच होती है और इसे दूर से पहचानना आसान होता है। लाल और हरा रंग सिग्नल में सबसे ज्यादा प्रचलित हैं, लेकिन पीले रंग का भी काफी महत्वपूर्ण स्थान है। इसी वजह ट्रेन के डिब्बों पर क्रॉस का निशान भी पीले रंग से दिया जाता है। ट्रेन के डिब्बों पर बने क्रॉस के कई फायदे होते हैं। ये निशान ट्रेन की अंतिम बोगी को दर्शाता है। यूं कहें तो क्रॉस का अर्थ नहीं से जोड़ सकते हैं। पूरी ट्रेन के आखिरी डिब्बे को प्वाइंट आउट करने के लिए ये निशान बनाए जाते हैं।
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ट्रेन के डिब्बों पर ‘LV’ लिखा एक बोर्ड लगाया जाता है। ये खास बोर्ड ट्रेन के कोच को कपल करने या जोड़ने के बाद लगाया जाता है। एलवी का मतलब लास्ट व्हीकल होता है। इसके साथ ही अंतिम कोच पर एक लाल बत्ती भी जलाई जाती है, जिससे पता चल सके कि ये ट्रेन का आखिरी डिब्बा है। जब कोई ट्रेन किसी स्टेशन, प्लेटफॉर्म या रेलवे फाटक से गुजरती है तो क्रॉस के निशान से कई तरह के संकेत मिल जाते हैं। स्टेशन या रेलवे फाटक पर तैनात रेलवे कर्मचारी को ये क्रॉस वाला डिब्बा पार हो जाने से ये पता चल जाता है कि पूरी ट्रेन निकल गई है। वहीं, क्रॉस लगे कोच से पता चलता है कि ट्रेन का कोई भी कोच डीकपल होकर या ट्रेन से अलग होकर नहीं रह गया है। अगर कोई डिब्बा डीकपल होगा तो क्रॉस के निशान वाला कोच नहीं दिखेगा। तो अब आप समझ गए होंगे उस निशान का मतलब।