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पीस मील कर्मचारियों की मांगों पर किया जाएगा विचार, शिमला-मनाली में चलेंगी इलेक्ट्रिक बसें
धर्मशाला। एचआरटीसी (HRTC) में कार्यरत पीस मील कर्मचारियों (Piecemeal workers) की मांगों पर जल्द विचार किया जाएगा। इसके अलावा शिमला में 50 व मनाली में 25 नई इलेक्ट्रिक बसें (Electric Buses) चलाई जाएंगी। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वर्ण जयंती परिवहन योजना के तहत 18 सीटर बसों की सुविधा उपलब्ध होगी। सरकार शीघ्र आरटीए की बैठक करेगा ताकि परमिट के लंबित मामलों को निपटाया जा सके। कोविड के बाद प्रदेश में 3283 रूटों को बहाल कर दिया गया है जबकि 450 रूट बहाल होने अभी बाकी हैं। नियम 130 के तहत विधायक जीतराम कटवाल की ओर से हिमाचल पथ परिवहन निगम की कार्यप्रणाली सुधार व पिछड़े क्षेत्रों में बस सेवाओं की व्यवस्था को लेकर प्रस्ताव के बाद अपने जवाब में उद्योग मंत्री से अधिकृत ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर (Virender Kanwar) ने कहा कि सरकार निगम में 523 पद भरने जा रही है। इनमें 322 पद चालकों जबकि 105 पद जेओए आइटी के शामिल हैं। इसके अलावा अन्य पदों को भी जरूरत के हिसाब से जल्द भरा जाएगा। इस समय परिवहन निगम के बेड़े में 3098 बसें हैं जो कि 2881 मार्गों पर चल रही हैं।
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यह बात मंत्री वीरेंद्र कंवर ने नियम-130 के तहत विधायक जीतराम कटवाल के प्रस्ताव पर जवाब देते हुए कही। इस दौरान कई सत्तापक्ष और विपक्ष के विधायकों ने एचआरटीसी के संबंधित आ रही समस्याओं पर चर्चा की। कोरोना काल में बंद हुए परिवहन के बस रूटों को जल्द बहाल करने की मांग उठाई गई। ग्रामीण और पहाड़ी क्षेत्रों में छोटी बसें चलाने की भी मांग की है। इसका जवाब देते हुए मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि विभाग की बैठक न होने के कारण कोरोना काल में बंद हुए कई बसों के रूट बहाल नहीं हो सके हैं। सरकार जल्द सभी जरूरी रूटों को फिर से शुरू करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के ग्रामीण और पहाड़ी क्षेत्रों में जल्द स्वर्ण जयंती योजना के अंतर्गत 18 सीटर बस सेवा शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा कि मेरवां में एचआरटीसी बस डिपो जल्द खोला जाएगा। विभिन्न क्षेत्रों के कई महत्वपूर्ण बस रूटों को फिर से शुरू किया जाएगा।
स्ववित्त पोषित (सेल्फ फाइनेंस) व्यवस्था के तहत प्रदेश के महाविद्यालयों में प्रोफेशनल कोर्सेज के शैक्षिक और गैर-शैक्षिक स्टाफ के लिए नीति बनाने को सरकार नीति बनाएगी। इसके के लिए जल्द समिति का गठन होगा। शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर ने यह जानकारी सदन में विधानसभा सदस्य नरेंद्र ठाकुर के लाए गए प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान दी। बताया कि 1996 में प्रदेश में पहली बार मंडी और धर्मशाला कॉलेज में प्रोफेशनल कोर्सों की शुरुआत की गई थी। वर्तमान में प्रदेश के 39 महाविद्यालयों में 6,952 विद्यार्थी प्रोफेशनल शिक्षा ले रहे हैं। इन कोर्सेज को चलाने में 278 शैक्षिक और 193 गैर-शैक्षिक कर्मचारी सेवाएं दे रहे हैं।