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बैंकों के एटीएम (ATM) मशीन को ठंडा रखने के लिए आमतौर पर डेढ़ टन की एसी का उपयोग किया जाता है। यह एसी प्रति घंटे करीब डेढ़ यूनिट बिजली खपत करती है। अब अंदाजा लगाइए कि देशभर में लगे एटीएम दिनभर में कितनी बिजली की खपत करते होंगे। जबकि, एटीएम मशीन पर हर ट्रांजेक्शन के बाद लिखा होता है कि प्रिंट ना लें और पर्यावरण संरक्षण करें।
भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, देशभर में 2,15,677 एटीएम में हैं, जिनमें से 1,17,594 बैंकों की शाखाओं से संलग्न हैं, जबकि 98,083 अलग-अलग स्थानों पर हैं। मेट्रो सिटीज में आमतौर पर अन्य जगहों की तुलना में अधिक एटीएम हैं और हर एटीएम में एक या कभी-कभी दो एसी भी लगे होते हैं। लगभग सभी एसी वायु प्रदूषण (Air Pollution) करते हैं और इसके कंप्रेसर के इर्द-गिर्द गर्मी का एक द्वीप सा बन जाता है।
पर्यावरणविद् मनोज मिश्रा ने कहा कि आप क्या करते हैं जब आपके पास कम पैसे हो तो? आप अपने महत्वपूर्ण खर्च को अधिक तरजीह देने लगते हैं। इसी तरह जब बिजली की मांग बढ़ी हुई है तो सरकार को इसके इस्तेमाल की प्राथमिकता तय करनी होगी। बिजली की बचत बिजली उत्पादन का सर्वश्रेष्ठ तरीका है। मिश्रा ने कहा कि एटीएम में अगर मशीन के लिए जरूरी हो तब ही एसी जरूरी है। इस दिशा में इनोवेशन की काफी आवश्यकता है ताकि यह पर्यावरण के लिए कम नुकसानदायक हो।
सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट में सीनियर प्रोग्राम मैनेजर अविकल सोमवंशी ने कहा कि एसी प्रत्यक्ष रूप से वायु प्रदूषण नहीं करते हैं। एसी का इस्तेमाल, खासकर गर्मी के मौसम में बढ़ जाता है, जिससे बिजली की मांग बढ़ जाती है। बिजली की मांग बढ़ने से बिजली उत्पादन अधिक करना होता है, जिससे वायु प्रदूषण बढ़ता है। बिजली उत्पादन के लिए ताप विद्युत संयंत्रों को अधिक कोयले की जरूरत होती है, जो प्रदूषण का कारक है।
वहीं, सौर ऊर्जा के एडवोकेसी ग्रुप सोलर एनर्जी सोसाइटी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष प्रफुल्ल पाठक का कहना है कि एक और आम समस्या यह है कि भले ही एटीएम में मशीन काम करे या ना करे, लेकिन वहां एसी 18 डिग्री सेल्सियस पर चलता रहती है। अगर तापमान को 25-26 डिग्री पर रखा जाये तो वह अच्छा रहता। उन्होंने कहा कि आज से दस-बारह साल पहले प्रौद्योगिकी उपलब्ध नहीं थी और इसी कारण एसी की जरूरत थी। अब कई ऐसे गैजेट आते हैं, जिनमें सेल्फ कूलिंग फैन होता है तो एटीएम में भी ऐसा हो सकता है। पाठक ने कहा कि लेकिन इसके बावजूद अगर एसी का इस्तेमाल करना है तो सौर ऊर्जा आधारित एसी पर्याप्त है, जिस पर 25-28 डिग्री पर कूलिंग रखी जाए।
–आईएएनएस
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