- Advertisement -
बहुत सारे लोग ऐसे होते हैं जिनके एक से ज्यादा बैंक में खाते होते हैं। वहीं, कुछ लोग ऐसे होते हैं जो कुछ खातों को बिल्कुल इस्तेमाल नहीं करते हैं फिर भी उन्हें बंद नहीं करवाते हैं। जिस कारण उनको कई तरह के नुकसान भी उठाने पड़ते हैं। आज हम आपको कई ऐसे कारणों के बारे में बताएंगे, जिससे की आपको ये पता चलेगा कि इस्तेमाल ना होने वाला बैंक अकाउंट (Bank Account) क्यों बंद करवा देना चाहिए।
बता दें कि बैंक खातों में मिनिमम बैलेंस मेंटेन करना होता है। अकाउंट में एक मंथली एवरेज बैलेंस रखना जरूरी होता है। ये बैलेंस 500 रुपए से लेकर 15000 रुपए तक होता है। मंथली एवरेज बैलेंस ना रखने पर बैंक अपनी पॉलिसी के हिसाब से आपके खाते से पैसे काट सकता है। दरअसल, सभी बैंक अपने डेबिट कार्ड पर कुछ फीस लेते हैं। ये फीस सालाना 100 रुपए से 1000 रुपए तक होती है। यानी बैंक आपके फोन पर मैसेज भेजने का चार्ज वसूलते हैं। अकाउंट का इस्तेमाल ना करने पर भी आपको डेबिट कार्ड की फीस भरनी पड़ती है।
इसके अलावा अगर कोई व्यक्ति लगातार 12 महीने तक अपने बैंक अकाउंट में कोई ट्रांजेक्शन नहीं करता है तो बैंक आपके खाते को इनएक्टिव अकाउंट मान लेता है। इनएक्टिव अकाउंट का मतलब कि व्यक्ति किसी डॉरमेंट अकाउंट से नेट बैंकिंग, एटीएम ट्रांजेक्शन या मोबाइल बैंकिंग नहीं कर सकता है। वहीं, जीरो बैलेंस वाला सैलरी अकाउंट भी लगातार तीन महीनों तक सैलरी ना आने पर सेविंग अकाउंट में तब्दील हो जाता है। ऐसे में इस अकाउंट में भी ग्राहक को मंथली एवरेज बैलेंस रखना जरूरी होता है।
ध्यान रहे की ज्यादा बैंक अकाउंट होने से टैक्स जमा करवाने में भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। दरअसल, इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) भरते समय आपको अपने सभी बैंक अकाउंट्स की जानकारी देनी होती है। ऐसे में ज्यादा बैंक अकाउंट रखने से स्टेटमेंट का रिकॉर्ड जुटाने में काफी दिक्कत होती है।
गौरतलब है कि देश में काफी सारे लोग आजकल नेट बैंकिंग का इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसे में सभी का पासवर्ड याद रखना मुश्किल काम हो जाता है, इसलिए हम लंबे समय तक पासवर्ड नहीं बदलते हैं। जिससे धोखाधड़ी व फ्रॉड होने के चांस ज्यादा हो जाते हैं। धोखाधड़ी से बचने के लिए हमें ना इस्तेमाल होने वाले नेटबैंकिंग के अकाउंट बंद कर देने चाहिए।
- Advertisement -