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भारत में ड्रोन बनना होगा आसान, सरकार ने नियमों में दी ढील
Last Updated on January 27, 2022 by Vishal Rana
आने वाले दिनों में आप जिस तरह से गाड़ी चलाते हैं, उसी तरह से ड्रोन भी उड़ा सकेंगे। दरअसल, सरकार ने अब ड्रोन बनाने वाली कंपनियों की राह आसान कर दी है। केंद्र सरकार ने नई योजना ड्रोन सर्टिफिकेशन स्कीम (Drone Certification Scheme) का नोटिफिकेशन जारी किया है। इस नई योजना में हवाई क्षेत्र से जुड़े नक्शे, पीएलआई योजना और सिंगल विंडो डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म को आसान बनाने की कोशिश की गई है।
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केंद्र सरकार का मानना है कि इस कदम से ड्रोन निर्माण उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। सरकार ने ड्रोन से जुड़े कई काम ऑनलाइन कर दिए हैं, जिसमें ऑनलाइन लाइसेंस आदि देने की प्रक्रिया शामिल है। इसके अलावा अब ड्रोन के लिए एक रूट बनाने की बात कही गई है और ड्रोन के वजन, रूट आदि के आधार पर कई नियम तय किए गए हैं। अब ड्रोन उड़ाने की परमिशन लेने की प्रक्रिया को भी आसान कर दिया गया है।
जानकारी के अनुसार, सरकार भारत में वर्ल्ड लीडिंग ड्रोन सिस्टम बनाने की दिशा में काम कर रही है। इससे भारतीय एयरस्पेस के लाखों ड्रोन पूरी सुरक्षा के साथ इस्तेमाल कर सकेंगे। इससे भारत में फिजिकल और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने में मदद मिलेगी। ड्रोन का सर्टिफिकेशन आसान और पारदर्शी होगा और इसकी प्रक्रिया में तेजी भी आएगी। केंद्र सरकार ने बुधवार को ड्रोन सर्टिफिकेशन स्कीम को नोटिफाई किया है। यह नोटिफिकेशन नागरिक उड्डयन मंत्रालय (Ministry of Civil Aviation) ने जारी किया है।
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The drone certification scheme notified on 26 Jan 2022 under Rule 7 of the liberalized Drone Rules, 2021 will help in simpler, faster and transparent type-certification of drones. (1/2) pic.twitter.com/WuZRaohRE3
— MoCA_GoI (@MoCA_GoI) January 26, 2022
बता दें कि पहले ड्रोन को लेकर कई तरह के नियम थे और ड्रोन उड़ाने से पहले कई अप्रूवल लेने होते थे, जिन्हें अब रद्द कर दिया गया है। पहले परमिशन लेने के लिए करीब 25 फॉर्म भरने होते थे, लेकिन अब 5 फॉर्म भरने होंगे। इसके अलावा ड्रोन के कवरेज को 300 किलो से बढ़ाकर 500 किलो किया गया है। हालांकि, बुनियादी नियमों के उल्लंघन करने पर 1 लाख रुपए तक दंड रखा गया है, जबकि अन्य नियमों के उल्लंघन पर ऐसा नहीं है। ड्रोन उड़ाने के लिए ऊंचाई के हिसाब से कई जोन तय किए गए हैं। यह एक तरीके से ड्रोन उड़ाने के दायरे हैं और इसमें अगर आप ग्रीन जोन में यानी 200 फीट तक एयरपोर्ट से 8 से 12 किलोमीटर दूर ड्रोन उड़ाते हैं तो आपको परमिशन को लेने की जरूरत नहीं है।
ऐसे करें रजिस्ट्रेशन
ड्रोन के रजिस्ट्रेशन डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म के जरिए करवाए जा सकते हैं। लाइसेंस से पहले कोई भी सिक्योरिटी क्लीयरेंस की आवश्यकता नहीं है और शुल्क को न्यूनतम स्तर पर किया गया है। इसके अलावा ड्रोन को ट्रांसफर करने और डिरजिस्ट्रेशन के प्रोसेस को आसान कर दिया गया है।
कई तरह के होते हैं ड्रोन
बता दें कि ड्रोन भी कई तरह के होते हैं, जिसमें एक होता है नैनो ड्रोन, जिसमें 250 ग्राम या 2 किलोग्राम वजन वाले ड्रोन्स को शामिल किया गया है। सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के तहत इस तरह के ड्रोन को उड़ाने के लिए किसी भी तरह के लाइसेंस या अनुमति की जरूरत नहीं है। इसके अलावा 2 किलोग्राम से ज्यादा और 25 किलोग्राम से कम वजन वाले ड्रोन्स स्मॉल ड्रोन्स की कैटेगरी में आते हैं। इस तरह के ड्रोन को चलाने वाले व्यक्ति के पास UAS ऑपरेटर परमिट-1 (UAOP-I) होना चाहिए।य़ड्रोन के पायलट को एक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर (SoP) का पालन करना होगा। वहीं, 25 किलोग्राम से ज्यादा और 150 किलोग्राम से कम वजन वाले ड्रोन्स मीडियम कैटेगरी में आते हैं। जबकि लार्ज कैटेगरी में आने वाले ड्रोन्स का वजन 150 किलोग्राम से ज्यादा होना चाहिए और इस तरह के ड्रोन को उड़ाने के लिए UAS ऑपरेटर परमिट-2 (UAOP-II) होना चाहिए।
ऐसे दी जाएगी ट्रेनिंग
ड्रोन ट्रेनिंग और परीक्षा ऑथोराइज्ड ड्रोन स्कूल के जरिए दी जाएगी। साथ ही डीजीसीए ऑनलाइन माध्यम से ही पायलट लाइसेंस उपलब्ध करवाएगा। डीजीएफटी द्वारा ड्रोन और ड्रोन के पुर्जों के आयात को नियमित किया जाएगा। नो पर्मिशन–नो टेक-ऑफ (एनपीएनटी), वास्तविक समय में ट्रैकिंग, जियो-फेंसिंग जैसे सुरक्षा तत्वों को भविष्य में अधिसूचित किया जायेगा। इसके अनुपालन के लिये छह महीने का समय दिया जाएगा। कार्गो ड्रोन के लिए ड्रोन कॉरिडोर बनाए जाएंगे।