-
Advertisement
हिमाचलः सेना भर्ती की लिखित परीक्षा ना होने पर भड़का गुस्सा, अभ्यर्थियों ने निकाली तिरंगा यात्रा
ऊना। सेना भर्ती की लिखित परीक्षा का इंतजार लगभग साल भर से कर रहे युवाओं के सब्र का बांध टूटना शुरू हो गया है। सेना भर्ती की लिखित परीक्षा ना होने और साथ ही साथ उनकी आयु सीमा पार पूरी कगार पर पहुंचने के चलते युवाओं का गुस्सा भड़क उठा। जिला ऊना के विभिन्न क्षेत्रों से आये युवाओं ने इंदिरा गांधी खेल परिसर से लेकर डीसी ऑफिस तक तिरंगा यात्रा निकालकर अपनी मांगों के संबंध में आवाज बुलंद की।
यह भी पढ़ें- सीएम जयराम से बोले स्टूडेंट्सः यूक्रेन से तो लौट आए पर पढ़ाई की हो रही मुश्किल
सेना भर्ती में लिखित परीक्षा का इंतजार कर रहे सैकड़ों युवाओं ने मंगलवार को जिला मुख्यालय के इंदिरा गांधी खेल परिसर से डीसी ऑफिस तक रोष रैली निकालते हुए अपनी मांगों के संबंध में आवाज बुलंद की। युवाओं की इस रैली को तिरंगा यात्रा का नाम दिया गया और तिरंगे की छांव में सैकड़ों युवाओं ने जिला मुख्यालय की सड़कों पर जोरदार नारेबाजी करते हुए अपनी आवाज उठाई। पंचायत समिति सदस्य एडवोकेट सुमित गौतम की अध्यक्षता में निकाली गई इस रैली के दौरान युवाओं ने सेना भर्ती की लिखित परीक्षा करवाने की मांग उठाई। युवाओं का तर्क है कि करीब 1 साल पूर्व जिला के लगभग 400 युवाओं ने सेना भर्ती रैली के दौरान ग्राउंड टेस्ट क्लीयर किया था। लेकिन उसके बाद से लेकर अब तक एक साल बीत चुका है, अभी भी युवाओं की सेना भर्ती की लिखित परीक्षा को लेकर कोई सूचना सांझा नहीं की गई।
युवाओं ने कहा कि इससे पहले कोविड-19 के चलते यह परीक्षा दो बार रद्द की। बीडीसी सदस्य शोभित गौतम ने कहा कि सरकार कोविड-19 की विकट परिस्थितियों के बीच भी चुनाव का संचालन सफलतापूर्वक करवाती रही है। इसके साथ ही पुलिस भर्ती और अन्य परीक्षाओं का भी सफलतापूर्वक संचालन किया गया। सेना भर्ती की लिखित परीक्षा पर ही कोविड-19 का साया क्यों है। रैली में भाग ले रहे युवाओं का कहना है वह लगभग 1 साल पूर्व सेना भर्ती ग्राउंड टेस्ट क्लियर करने के बाद से लेकर अभी तक लिखित परीक्षा के इंतजार में बैठे हैं। वहीं कई ऐसे युवा है जो सेना भर्ती के लिए निर्धारित है साढ़े 17 से 21 वर्ष की आयु को पार कर रहे हैं, ऐसे में उन युवाओं के लिए भी परिस्थितियां तनावपूर्ण हो गई हैं। उन्होंने मांग की है कि सेना भर्ती का ग्राउंड क्लीयर कर चुके युवाओं को 2 साल की आयु सीमा में रिलैक्सेशन दी जाए, ताकि वो लिखित परीक्षा में भाग लेकर अपना भविष्य संवार सकें।