-
Advertisement
पूरा परिवार हुआ कोरोना संक्रमित तो खेतों में फसल काट गांववालों ने निभाया मानव धर्म
कांगड़ा। कोरोना काल में लोग बहुत ही कठिन दौर से गुजर रहे हैं। कुछ लोग एक दूसरे का सहारा बनकर मानवता( Humanity) का परिचय दे रहे हैं। ऐसे लोगों को देखकर यही आभास होता है कि अभी भी समाज में एक दूसरे के प्रति दया व सहयोग की भावना प्रबल है। कांगड़ा जिला के रैत ब्लाक में जब एक परिवार के मुखिया की कोरोना से मौत( Death) हो गई और अन्य सदस्य भी संक्रमित( Infected) हो गए। शोक व दुख की घड़ी के बीच खेत में खड़ी फसल भी थी, मौसम के बदलते तेवरों के बीच बरबाद हो सकती थी। लेकिन आसपास के लोगों ने दुख दी घड़ी में परिवार का साथ देते हुए खड़ी फसल को समय पर समेट लिया।
यह भी पढ़ें: Kangra: कोरोना हॉटस्पॉट एरिया से लौटे व्यक्ति की बिगड़ी तबीयत, गई जान
हुआ यूं कि शाहपुर के रैत ब्लॉक( Rait block of Shahpur) में नौशहरा के रहने वाले किसान पृथी चंद का कोरोना संक्रमण से निधन हो गया। इसके साथ ही पृथी चंद की पत्नी, बेटा और बहू भी कोरोना की चपेट में आ गए थे। हाल यह हुआ कि परिवार के सदस्य उनके अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो पाए। गांव के कुछ लोग आए आए और कोरोना नियमों के तहत पृथी चंद का अंतिम संस्कार किया। अब सवाल खेतों में खड़ी गेहूं की फसल का था जो परिवार ने कड़ी मेहनत से तैयार की थी। ऐसे में बागड़ू पंचायत के प्रधान समेत लाहेश्वरी मंदिर कमेटी के सदस्यों खेतों में खड़ी फ़सल को काट कर सारा अनाज एकत्र किया और परिवार की मदद की। कोरोना के इस समय में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें और एक दूसरे की मदद करने से कभी पीछे ना हटे, यही सही अर्थों में मानव धर्म है।
हिमाचल और देश-दुनिया की ताजा अपडेट के लिए join करें हिमाचल अभी अभी का Whats App Group