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देश में किसानों के लिए अच्छी खबर है। केंद्र सरकार के तीन विभाग कृषि क्षेत्र में ड्रोन (Drone) को इस्तेमाल में लाने के लिए काम कर रहे हैं। डायरेक्टोरेट ऑफ प्लांट प्रोटेक्शन क्वारंटाइन एंड स्टोरेज (DPPQS) के सीनियर ऑफिसर रवि प्रकाश ने कहा कि डीपीपीक्यूएस के तहत केंद्रीय कीटनाशक बोर्ड और पंजीकरण समिति (CIB & RC) को आठ फसल संरक्षण कंपनियों से ड्रोन के परीक्षण की अनुमति के लिए आवेदन मिले हैं।
डायरेक्टोरेट ऑफ प्लांट प्रोटेक्शन क्वारंटाइन एंड स्टोरेज के सीनियर ऑफिसर रवि प्रकाश ने कहा कि ड्रोन किसानों के लिए सस्ते है और ये उनको बेहतर उत्पादन में मदद करेंगे। उन्होंने बताया कि नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA), कृषि मंत्रालय और सीआईबी और आरसी कृषि क्षेत्र में तेजी से आवेदनों का निपटान करने और फसल स्वास्थ्य निगरानी और मिट्टी के पोषक तत्वों का छिड़काव समेत अन्य जरूरी कार्यों के लिए ड्रोन को अपनाने पर संयुक्त रूप से काम कर रहे हैं।
वहीं, उद्योग मंडल क्रॉपलाइफ इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी असितव सेन ने कहा कि ड्रोन पर नीतिगत ढांचा तैयार है और कृषि क्षेत्र में ड्रोन को बढ़ावा देने का यह सही समय है। ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष स्मित शाह के अनुसार कि तैयार ड्रोन के आयात पर प्रतिबंध एक बहुत बड़ा कदम है। इससे घरेलू ड्रोन निर्माण उद्योग को बढ़ने में मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि स्थानीय विनिर्माण पर कोई रोक लगाए बगैर इंजन और बैटरी समेत ड्रोन के आवश्यक घटकों का अभी भी आयात किया जा सकता है।
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