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हिमाचल विधानसभा प्रकरणः Congress के इस पूर्व मंत्री ने जताया खेद-दी यह सलाह
शिमला। पूर्व मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जीएस बाली (Former Minister GS Bali) ने हिमाचल विधानसभा (Himachal Vidhan sabha) परिसर में हुए हंगामे को लेकर बड़ी बात कही है। शिमला (Shimla) में कांग्रेस पार्टी ऑफिस में उन्होंने मीडिया से बातचीत में पहले तो कांग्रेस की तरफ से मामले में खेद व्यक्त किया। वहीं, सत्ता पक्ष और विपक्ष को सलाह दी कि आपस में बैठकर मामले को सुलझाएं और एक प्रतिनिधिमंडल राजभवन में जाकर राज्यपाल (Governor) से मुलाकात कर खेद जताए। उन्होंने कहा कि हंगामे के क्या कारण रहे और कौन-कौन इसमें शामिल थे, इस बात पर वह नहीं जाना चाहते हैं। उनका कहना है कि हिमाचल एक देवभूमि है और पूरे देश में हिमाचल को शांतिप्रिय प्रदेश के रूप में जाना जाता है। राज्यपाल एक संवैधानिक पद है और हमारा कर्तव्य है कि उनके सम्मान में कोई कमी ना हो और ठेस ना पहुंचे।
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बाली ने कहा कि राज्यपाल को हिमाचल विधानसभा अध्यक्ष के चैंबर और फिर निवास तक सुरक्षित पहुंचाने का काम सरकार का है। यहां कहीं ना कहीं कानून व्यवस्था और इंटेलिजेंस फेलयर हुआ है। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री (Leader of Opposition Mukesh Agnihotri) सहित कांग्रेस के पांच विधायकों पर एफआईआर को लेकर उन्होंने कहा कि राष्ट्रद्रोह का मुकद्मा इस मामले में बिल्कुल भी नहीं बनता है। हिमाचल के जिला सोलन (Solan) के कसौली (Kasauli) में आज प्रदेश राजनीतिक मामलों एवं चुनाव रणनीति व समन्वय समिति की बैठक को लेकर उन्होंने कहा कि हिमाचल कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला की अध्यक्षता में यह महत्वपूर्ण बैठक थी। बैठक में वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव के साथ सोलन, मंडी, धर्मशाला व पालमपुर नगर निगम चुनाव को लेकर चर्चा हुई। बैठक में क्या रणनीति बनी और कांग्रेस क्या करेगी यह अंदर की बात है। इसे शेयर नहीं किया जा सकता है। लेकिन, इतना जरूर है कि आने वाले दिनों में कांग्रेस बेरोजगारी, महंगाई, महिला सुरक्षा, आंगनबाड़ी, आशा वर्कर और आउटसोर्स के मुद्दे पर सड़कों पर उतरेगी। उन्होंने कहा कि आउटसोर्स पर रोजगार देकर सरकार लोगों को परेशान करने पर तुली है। इसमें ना तो कोई पॉलिसी है और ना ही आरक्षण का कोई प्रावधान है।
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