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शिमला। हिमाचल में शारीरिक शिक्षकों (Physical Teachers) के 870 रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया हाईकोर्ट (High Court) में स्टे के चलते रूकी हुई है। हाईकोर्ट से स्टे हटने के बाद प्रदेश के स्कूलों में खाली चल रहे 870 शारीरिक शिक्षकों के पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी। यह जानकारी शुक्रवार को शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर (Education Minister Govind Singh Thakur) ने हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र में विधायक आशा कुमारी पवन काजल और रामलाल ठाकुर के सवाल के एक जवाब में दी। उन्होंने कहा चंबा जिले में वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला नडाल, चनाणु, संघनी और डांड में विभिन्न श्रेणियों के कुल 41 पद खाली चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन स्कूलों में कुल 86 पद सृजित हैं और इनमें से 45 पद भरे हुए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि डांड स्कूल में कुल 16 पद खाली हैं, जबकि संघनी में 9 और नडाल व चनाणु स्कूल में 8-8 पद रिक्त हैं।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा राजकीय उच्च तथा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं में शारीरिक शिक्षकों के रिक्त चल रहे 870 पदों को भरने का निर्णय लिया था। उन्होंने कहा कि इससे पहले कि इन पदों को भरने की प्रक्रिया आरंभ की जाती, उच्च न्यायालय में कुछ अभ्यर्थियों ने याचिकाएं दायर की। उन्होंने कहा कि इसमें 26 अगस्त, 2021 को उच्च न्यायालय द्वारा भर्ती प्रक्रिया पर स्थगन आदेश पारित किए गए हैं। ऐसे में उच्च न्यायालय के अंतिम निर्णय के उपरांत ही इन पदों को भरा जाना है। उन्होंने जानकारी दी कि वर्तमान में शिक्षा विभाग में शारीरिक शिक्षकों के 230 पदों का बैकलॉग है। भर्ती प्रक्रिया पर हाईकोर्ट के स्थगन आदेश पारित होने के कारण बैकलॉग पदों को भरने वाले अभी कोई टिप्पणी नहीं की जा सकती है।
बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में ड्रैगन फ्रूट की खेती जिला कांगड़ा और ऊना में कुछ चुनिंदा किसानों-बागवानों द्वारा पिछले दो वर्षों से अपने स्तर पर की जा रही है। सरकार इसको बढ़ावा देने के लिए सब टॉपिकल एरिया में पायलट प्रोजेक्ट चलाएगी। मंत्री महेंद्र सिंह विधायक जीत राम कटवाल व नरेंद्र ठाकुर के सवाल का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए हिमाचल प्रदेश के गर्म जलवायु वाले क्षेत्र अर्थात जोन-1, जिसमें समुद्रतल से 400 मीटर से 900 मीटर ऊंचाई वाले क्षेत्र आते हैंए इसके लिए अनुकूल हैं। इसके तहत जिला मंडी का उपोष्ण क्षेत्र, ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, सिरमौर तथा सोलन (नालागढ़ व अर्की खण्ड), कांगड़ा तथा चंबा (सिहुंता) आते हैं।
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