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हाईकोर्ट के आदेश – जिला निगरानी समितियों के सुझावों पर विचार करे सरकार
Last Updated on July 15, 2021 by Vishal Rana
शिमला। प्रदेश हाईकोर्ट( High Court)ने कोरोना मामले में गठित जिला निगरानी समितियों द्वारा दिए गए सुझाव पर राज्य सरकार( state government) को विचार करने को कहा है। जिलों में कोरोना संक्रमण से संबंधित मुद्दे से निपटने के लिए सुनवाई के दौरान सभी डीसी एवं अन्य समिति के सदस्य वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से न्यायालय ( Court)के समक्ष उपस्थित थे। कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए संबंधित जिला प्रशासन द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में अदालत को सूचित किया गया। इसके अलावा कोरोना( corona) से निपटने की तैयारियों के लिए संबंधित जिला आयुक्त ने भी उनके द्वारा अपने-अपने क्षेत्र में उठाए गए कदमों के बारे में अदालत को सूचित किया । समितियों ने अपनी पहली रिपोर्ट कोर्ट को सौंप दी है। समितियों ने बढ़ी हुई बिस्तर क्षमता, बढ़ी हुई चिकित्सा सुविधाओ और कुछ मामलों में प्रस्तावित अतिरिक्त सुविधाओं बारे कोर्ट को जानकारी दी। प्रत्येक जिले की समितियों के सदस्यों के साथ विस्तृत बातचीत करने के बाद कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रवि मलीमठ और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह इस संबंध में डीसी द्वारा दिए गए सुझावों पर विचार करे । मामले को अगले सप्ताह अगली सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया।
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सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता अशोक शर्मा व वरिष्ठ अतिरिक्त महाधिवक्ता अजय वैद्य से कहा गया कि वे प्रत्येक रिपोर्ट के साथ-साथ दिए गए सुझावों को देखें और उसी के अनुसार समाधान निकाले। कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा कोरोना समस्या से निपटने के लिए अच्छे प्रयास किये हैं फिर भी कुछ और करने की जरूरत है। कोविड -19 रोगियों के उपचार के लिए राज्य में अपर्याप्त सुविधाओं को उजागर करने वाली जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान न्यायालय ने अपने पूर्व के आदेश में तीन सदस्यीय जिला कमेटी का डीसी की अध्यक्षता में प्रत्येक जिले के लिए निगरानी समिति का गठन कर कस्बों का दौरा करने का निर्देश दिया था।अदालत ने समितियों को प्रत्येक सप्ताह के मंगलवार को या उससे पहले हाईकोर्ट की रजिस्ट्री में ईमेल के माध्यम से एक साप्ताहिक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था । मामले पर सुनवाई 22 जुलाई को होगी।
सूंगरी रोड की दशा को लेकर सरकार से जवाब तलब
हाईकोर्ट ने रोहडू तहसील के गनासिधार सूंगरी रोड की दशा को सुधारने के आग्रह को लेकर दायर याचिका में प्रदेश सरकार से जवाब तलब किया है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ व न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने अर्पित शर्मा द्वारा दायर याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के दौरान उपरोक्त आदेश पारित किए। प्रार्थी के अनुसार गनासिधार से सुंगरी सड़क मार्ग लगभग 70 वर्ष पुराना है । प्रदेश सरकार इसका रखरखाव करने में विफल रही है। प्रार्थी के अनुसार गनासिधार से सुंगरी रोड स्थानीय बागवानो के लिए लाइफ लाइन है । जिसके रखरखाव न होने से लोगों को कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है। प्रार्थी के अनुसार भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने भी इस सड़क से यात्रा कर चुके है। प्रार्थी ने कोर्ट से गुहार लगाई है कि प्रदेश सरकार को गनासिधार से सुंगरी तक सड़क मार्ग के उपयुक्त रखरखाव के लिए सरकार को जरूरी निर्देश जारी किए जाएं। मामले पर सुनवाई 4 सप्ताह बाद होगी।
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