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लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर के पदों पर भर्ती पर रोक
Last Updated on June 26, 2023 by sintu kumar
शिमला। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज (LBS Medical College) नेरचौक, मंडी (Mandi) में प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर के पदों को भरने पर रोक लगा दी है। मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने राज्य सरकार से इस मामले में जवाब तलब किया है। मामले की सुनवाई 16 अगस्त को निर्धारित की गई है।
प्रार्थी डॉ. शालिनी शर्मा ने अनुबंध के आधार पर भरे जा रहे इन पदों को याचिका के माध्यम से चुनौती दी है। कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान प्रथम दृष्टया पाया कि कॉलेज प्रशासन की ओर से यह भर्ती प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के निर्णय के विपरीत है। कोर्ट को बताया गया कि लाल बहादुर शास्त्री कॉलेज मंडी ने 9 जून 2023 को प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर के पद भरने बारे विज्ञापन जारी किया है। इसके अनुसार इन पदों को अनुबंध आधार पर वाक इन इंटरव्यू के जरिये भरने का निर्णय लिया गया है। आरोप लगाया गया कि भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के अनुसार इन पदों को अनुबंध आधार पर नहीं भरा जा सकता है।
2 दिसंबर 1999 के भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के तहत इन पदों को सौ फीसदी पदोन्नती से भरे जाने का प्रावधान है। यदि पदोन्नती से पद भरने के लिए कोई उम्मीदवार नहीं है तो सीधी भर्ती के तहत भरा जा सकता है। प्रार्थी ने आरोप लगाया है कि कॉलेज में प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर के पदों को भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के तहत नहीं भरा जा रहा है। अदालत को बताया गया कि सुपीम कोर्ट ने व्यवस्था दी है कि राज्य के अधीन विभिन्न सेवाओं या राज्य के अधीन पदों को भर्ती नियमों के तहत भरा जाए। कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया कॉलेज में प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर के पदों की भर्ती प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के विपरीत है।