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फर्जी सर्टिफिकेट से नौकरी पाने के आरोपी को हिमाचल हाईकोर्ट से मिली अग्रिम जमानत
Last Updated on February 28, 2023 by sintu kumar
शिमला। फर्जी सर्टिफिकेट से डाक विभाग में नौकरी पाने के आरोपी को हिमाचल हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत मिल गई है। न्यायाधीश संदीप शर्मा ने मामले से जुड़े रिकॉर्ड का अवलोकन करने के पश्चात प्रार्थी को अग्रिम जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए। आरोप है कि मंडी जिले के सरकाघाट के रहने वाले आरोपी मनीष कुमार ने झारखंड अकादमिक काउंसिल शिक्षण संस्थान ज्ञानदीप कैंपस के नाम से दसवीं का फर्जी सर्टिफिकेट बनवाया। 600 में 573 अंकों वाली मार्क्सशीट भी तैयार कर ली। इसी मार्क्सशीट से मेरिट के आधार पर उसने घणाहट्टी स्थित देवनगर शाखा में ग्रामीण डाक सेवक की नौकरी हासिल कर ली।
10वीं की 600 में 573 अंकों वाली फर्जी मार्क्सशीट की थी तैयार
विभाग ने जब दस्तावेज सत्यता जांच के लिए झारखंड के शिक्षण संस्थान को भेजे तो वहां मनीष का सर्टिफिकेट पंजीकृत ही नहीं था। मामला सामने आने के बाद डाक विभाग ने तत्काल प्रभाव से युवक को नौकरी से बर्खास्त कर दिया और प्रार्थी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 467, 468 व 471 के तहत सदर पुलिस थाना शिमला के समक्ष आपराधिक मामला 9 जनवरी, 2023 को दर्ज कराया। अभियोजन पक्ष के अनुसार डाक विभाग ने शिमला मंडल के तहत घणाहट्टी स्थित देवनगर शाखा में ग्रामीण डाक सेवक के चयन के लिए 157 उम्मीदवारों को आमंत्रित किया। प्रार्थी का चयन योग्यता के आधार पर हो गया था। उसने 9 सिंतबर, 2022 को अस्थायी तौर पर कार्यभार ग्रहण किया। इससे पहले विभाग ने प्रमाण पत्र सत्यता जांचने के लिए शिक्षण संस्थान को भेजे थे, जो जांच में फर्जी पाए गए। इसके बाद उसे नौकरी से बर्खास्त कर दिया।