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हिमाचल हाईकोर्ट: शिमला में पानी की किल्लत पर खुली अदालत में हुई सुनवाई, जाने
Last Updated on June 13, 2022 by Vishal Rana
शिमला। हिमाचल हाईकोर्ट (Himachal High Court) ने शिमला शहर में पानी की किल्लत को लेकर खुली अदालत (Open Court) में शिमला जल प्रबंधन निगम (Shimla Water Management Corporation) के अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर कड़ी प्रतिकूल टिप्पणी की। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश सीबी बारोवालिया की खंडपीठ ने शहर में पांचवे दिन भी कम मात्रा में पानी दिए जाने को लेकर याचिकाकर्ता अधिवक्ता विजय अरोड़ा के आवेदन को स्वीकार करते हुए सोमवार को मामले पर सुनवाई की। सुनवाई के दौरान अदालत के समक्ष उपस्थित शिमला जल प्रबंधन निगम के अधिकारियों ने बताया कि शहर वासियों के लिए कुल 47 एमएलडी पानी चाहिए, जबकि गर्मी के कारण केवल 32 एमएलडी पानी की आपूर्ति की जा रही है।
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खंडपीठ ने पूछा कि जब स्रोतों से 32 एमएलडी पानी उठाया जा रहा है तो उस स्थिति में वैकल्पिक दिन में पानी क्यों नहीं छोड़ा जा रहा है। अदालत ने पाया कि जब शहर में रोज पानी दिए जाने के लिए कुल 47 एमएलडी पानी की जरूरत है तो वैकल्पिक दिन में पानी दिए जाने के लिए सिर्फ 24 एमएलडी पानी की जरूरत है। खंडपीठ ने खुली अदालत में शिमला जल प्रबंधन निगम के अधिकारियों से पूछा कि यदि गर्मी के कारण केवल 32 एमएलडी पानी ही उठाया जा रहा है तो 8 एमएलडी कहां जा रहा है। अधिवक्ता विजय अरोड़ा ने अदालत को बताया कि शहर में स्थित होटलों के लिए पांच-पांच, छह-छह घरेलू दरों पर पानी के कनेक्शन दिए गए हैं और इसलिए कोई भी होटल मालिक पानी के लिए हाहाकार नहीं मचा रहा है। मामले पर आगामी सुनवाई मंगलवार को भी जारी रहेगी।
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