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हिमाचल हाईकोर्ट ने बागवानी विभाग से पूछा: आपकी संपत्ति कुर्क क्यों ना की जाए
शिमला। अदालती आदेशों की अनुपालना ना होने पर हिमाचल हाईकोर्ट (Himachal High Court) ने उद्यान विभाग से पूछा कि क्यों ना उनकी संपत्ति कुर्क की जाए व संबंधित अधिकारियों का वेतन रोक लिया जाए। कोर्ट ने संबंधित अधिकारियों को कोर्ट में उपस्थित होकर इस बाबत अपनी स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। न्यायाधीश संदीप शर्मा की एकल पीठ ने विक्रम चंद व अन्य द्वारा दायर अनुपालना याचिका की सुनवाई के दौरान उपरोक्त आदेश पारित किए। मामले के अनुसार तत्कालीन प्रशासनिक प्राधिकरण ने वर्ष 2018 में प्रतिवादी उद्यान विभाग (Forest Department) को नारायण दास व अन्यो को दिए गए लाभ प्रार्थियों को भी देने के आदेश जारी किए थे परंतु विभाग ने इन आदेशों के अनुपालन नहीं की।
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विक्रम चंद व अन्य ने याचिका के माध्यम से कोर्ट से गुहार लगाई थी कि विभाग को आदेशों के अनुपालना संबंधित उपयुक्त आदेश जारी किए जाएं। कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान प्रतिवादी उद्यान विभाग को अनुपालना शपथ पत्र देने को कहा था। शपथ पत्र का अवलोकन करने के पश्चात कोर्ट ने पाया कि यह कोर्ट के आदेशों के अनुपालना से दूर-दूर तक भी संबंधित नहीं है। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पाया कि प्रतिवादी विभाग उपयुक्त अवसर देने के बाद भी न्यायिक आदेशों की अनुपालना में विफल रहा है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि अब विभाग की संपत्ति कुर्क करने व अधिकारियों का वेतन रोकने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं रह गया है। मामले पर सुनवाई 10 दिसंबर को होगी।
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