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अदालती आदेश लागू ना हुए तो अधिकारियों की संपत्ति-वेतन होंगे कुर्क
Last Updated on November 15, 2022 by sintu kumar
शिमला। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (Himachal Pradesh High Court) ने अदालती आदेशों को लागू ना करने की सूरत में दोषी अधिकारियों की संपत्ति व वेतन को कुर्क करने की चेतावनी दी है । कोर्ट ने अपने आदेशों की अनुपालना करने के लिए प्रतिवादियों को चार हफ्ते का अतिरिक्त समय दिया है। अदालत ने स्पष्ट किया कि यदि इस अवधि में अदालत के निर्णय को लागू नहीं किया गया तो उस स्थिति में याचिकाकर्ता (Petitioner) अदालत के समक्ष आवेदन दायर कर उनकी संपत्ति का ब्यौरा दायर करें, ताकि दोषी अधिकारियों की संपत्ति और वेतन को कुर्क किया जा सके। अदालत ने वरिष्ठ सहायक (senior Assistant) के पद पर पदोन्नति का लाभ देने के साथ-साथ वित्तीय लाभ अदा करने के आदेश दिए हैं।
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न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश संदीप शर्मा (Justice Tarlok Singh Chauhan and Justice Sandeep Sharma) की खंडपीठ ने यह आदेश पारित किए। मामले के अनुसार वर्ष 2008 में याचिकाकर्ता राम प्रकाश और अन्य 20 कनिष्ठ सहायकों ने वरिष्ठ सहायक के पद पर पदोन्नत करने की गुहार लगाई थी। अदालत ने यह स्पष्ट किया था कि पुराने पदों को पुराने भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के आधार पर पदोन्नत किया जाए। उसके बाद याचिकाकर्ताओं ने प्रशासन के पास प्रतिवेदन के माध्यम से उन्हें पदोन्नत करने की मांग की। दलील दी गई कि उनसे कनिष्ठ को पदोन्नति का लाभ दिया गया है। प्रशासन ने वर्ष 2010 में उनके प्रतिवेदन को खारिज कर दिया था। याचिकाकर्ताओं ने इस निर्णय को हाईकोर्ट के समक्ष चुनौती दी। हाईकोर्ट (High Court) की एकलपीठ ने वर्ष 2012 में उन्हें वरिष्ठ सहायक के पद पर पदोन्नत किए जाने का निर्णय सुनाया था। एकलपीठ के इस निर्णय को सरकार की ओर से खंडपीठ के समक्ष चुनौती दी गई। सरकार की अपील को खंडपीठ ने वर्ष 2014 में खारिज कर दिया था। उसके बाद भी याचिकाकर्ताओं को पदोन्नति का लाभ नहीं दिया गया। मजबूरन उन्हें अदालत के निर्णय को लागू करने के लिए याचिका दायर करनी पड़ी। अदालत ने याचिका को स्वीकार करते हुए स्पष्ट तौर पर अपने आदेशो में कहा कि सचिवालय प्रशासन ने जानबूझ कर अदालत के निर्णय को लागू नहीं किया है।