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बीड़ बिलिंग में पैराग्लाइडिंग हादसों पर हिमाचल हाईकोर्ट ने तलब किया अधिकारी
Last Updated on November 11, 2022 by Vishal Rana
शिमला। हिमाचल हाईकोर्ट (Himachal High Court ) ने बीड़ बिलिंग (Bir Billing) में पैराग्लाइडिंग के बढ़ते हादसों पर संज्ञान लेते हुए पिछले 15 दिनों के रिकॉर्ड के साथ जिम्मेदार अधिकारी को अदालत के समक्ष तलब किया है। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान व न्यायाधीश विरेंदर सिंह की खण्डपीठ ने पैराग्लाइडिंग के लिए बनाए गए नियमों के अनुसार हादसों की जांच न किए जाने पर असंतोष जताया है। खंडपीठ ने मामले की सुनवाई 18 नवंबर को निर्धारित की है। 4 और 9 नवंबर को पैराग्लाइडिंग हादसों (Paragliding Accidents) के मामले में राज्य सरकार ने अदालत को बताया कि नियमों के अनुसार 8 पैराग्लाइडिंग मार्शल की तैनाती की गई है। जिनमें से 4 मार्शल उड़ान के स्थान पर, 2 मार्शल उतराव पर और 2 मार्शल को बैरियर पर तैनात किया गया है। उड़ान के लिए पंजीकरण रजिस्टर लगाया गया है। उम्र, पैराग्लाइडिंग लाइसेंस और बीमा संबंधी दस्तावेजों की जांच के बाद ही उड़ान करवाई जाती है।
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उल्लेखनीय है कि नियमों के अभाव के कारण पिछले कुछ वर्षों में दुर्घटनाओं की संख्या में वृद्धि हुई है। बिलिंग में पिछले दो महीनों में चार पैराग्लाइडिंग दुर्घटनाएं है। पिछले महीने मिजोरम निवासी सेना के जवान की उस समय मौत हो गई थी जब उसका पैरा ग्लाइडर बिलिंग के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। एक अन्य दुर्घटना में गाजियाबाद के एक पर्यटक और उसके सहायक की भी बिलिंग से उड़ान भरने के दौरान मौत हो गई थी। 4 नवंबर को दो विदेशी पर्यटक दुर्घटना में घायल हो गए थे। इस दुर्घटना के पांच दिन बाद केरल के नौसेना अधिकारी की मौत (Naval Officer Death) हो गई थी। 12 साल के आदविक की पैराग्लाइडिंग के दौरान मौत की प्रकाशित खबर पर अदालत ने जनहित याचिका दर्ज की है। बीड़ बिलिंग पैराग्लाइडिंग के सुरक्षा मानकों के चलते अदालत ने प्रस्तावित बहुमंजिला पार्किंग के निर्माण पर भी रोक लगा दी थी। इस बहुमंजिला पार्किंग का निर्माण अवतरण जगह पर किया जाना प्रस्तावित है। अभी इसकी धरातल मंजिल ही तैयार हुई है। पैराग्लाइडिंग के सुरक्षा मानक पूरे न होने की वजह से यहां लगातार यहां हादसे हो रहे हैं। अदालत ने साहसिक खेल गतिविधियों में सुरक्षा मानकों पर भी सवाल उठाए हैं।