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हिमाचल: तेंदुए को पकड़ने के लिए सरकार ने उठाए कदम, हॉटस्पॉट्स चिन्हित करने के दिए निर्देश
Last Updated on November 10, 2021 by saroj patrwal
शिमला। हिमाचल प्रदेश में अब हॉटस्पॉट्स चिन्हित कर तेंदुए से बचाव के जरूरी कदम उठाए जाएंगे। शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने तेंदुए मामले में एक टीम गठन कर जिला शिमला में हॉटस्पॉट चिन्हित करने के निर्देश जारी किए हैं। हॉटस्पॉट्स को चिन्हित करने के लिए इस कमेटी में जिला प्रशासन और नगर निगम शिमला के अधिकारी मौजूद रहेंगे। भारद्वाज बुधवार को सचिवालय में शिमला शहर में तेंदुए के आतंक से उत्पन्न स्थिति को लेकर सम्बंधित अधिकारीयों की एक बैठक ली। बैठक में विभिन्न पहलुओं पर चर्चा हुई।
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वहीं, राजधानी शिमला के डाउनडेल क्षेत्र से तेंदुए द्वारा एक 6 साल के बच्चे की जान लेने के घटनाक्रम पर सीपीएम ने सरकार व वन विभाग की कार्यप्रणाली की कड़ी निंदा की है। पार्टी ने प्रदेश सरकार से मारे गए बच्चे के प्रभावित परिवार को 10 लाख रूपये मुआवजा देने और नरभक्षी तेंदुए को मारने की मांग की है। बुधवार को सीपीएम की एक टीम ने डाउनडेल में जाकर बच्चे के परिजनों व क्षेत्र के अन्य लोगों की से मुलाकात की। परिजनों ने बताया कि घटना के बाद क्षेत्र में आतंक का माहौल है। उन्होंने कहा कि वन विभाग के अधिकारी यहां सिर्फ औपचारिकता पूरी करके चले जाते हैं। लोगों का कहना है कि इस क्षेत्र में पहले भी बाघ के देखे जाने की सूचना वन विभाग को दी गई थी, लेकिन फिर भी वन विभाग द्वारा तेंदुए को पकड़ने के लिए कोई भी कार्रवाई नहीं की गई।
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पार्टी का कहना है कि इस घटना से 3 महीने पहले इसी के साथ लगते कनलोग क्षेत्र से भी तेंदुआ एक बच्ची को उठाकर ले गया था, लेकिन वन विभाग व सरकार ने इस घटना को संजीदगी से नहीं लिया, जिस कारण अब तेंदुए ने डाइन डेल में 6 साल के बच्चे को शिकार बनाया है। उन्होंने कहा कि अगर वन विभाग समय रहते कार्रवाई करता तो शायद इस मासूम बच्चे की जान को बचाया जा सकता था। पार्टी ने कहा कि सरकार व वन विभाग की लचर व्यवस्था इससे स्पष्ट हो जाती है कि आज डाउन डेल क्षेत्र में तेंदुए के घटनाक्रम को लगभग एक हफ्ता बीत गया है, लेकिन अभी तक सरकार व वन विभाग द्वारा कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया गया है। पार्टी ने कहा अभी तक सरकार द्वारा न तो इस तेंदुए को नरभक्षी घोषित किया गया है और न ही तेंदुए को ढूंढने और पकड़ने के लिए कोई कार्रवाई की गई है।
पार्टी ने सरकार से मांग की है कि वन विभाग व नगर निगम शहर के जंगल के साथ लगते क्षेत्रों में बाड़बंदी, स्ट्रीट लाइटों और सीसीटीवी कैमरों का प्रबंध करे। पार्टी ने कहा कि सरकार व वन विभाग को बाघों व अन्य वन्य प्राणियों के संरक्षण के लिए वैज्ञानिक तौर तरीके अपनाने चाहिए ताकि तेंदुए व अन्य जंगली जीव रिहायशी इलाकों में न आ सके।
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