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शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार ने जेबीटी-डीएलएड (JBT-DLED) प्रशिक्षुओं के पक्ष में हाई कोर्ट (High Court) में पुनर्विचार याचिका दायर कर दी है। प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। नवंबर में हुई मंत्रिमंडल (Cabinet) की बैठक में सरकार ने हाई कोर्ट में जेबीटी-डीएलएड प्रशिक्षुओं का पक्ष लेने का फैसला लिया था। विधि विभाग से करीब एक माह तक इस मामले को लेकर चर्चा करने के बाद अब शिक्षा निदेशालय ने पुनर्विचार याचिका दायर कर दी है।
हाई कोर्ट ने कुछ माह पहले जेबीटी भर्ती में बीएड (B.ED) डिग्री धारकों को भी शामिल करने का फैसला सुनाया था। इसको लेकर प्रशिक्षुओं ने प्रदेश भर में कक्षाओं का बहिष्कार कर अपना विरोध जताया था। सरकार ने मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रशिक्षुओं का पक्ष लेने का फैसला लिया है। जेबीटी (JBT) मामले पर आए फैसले की तरह राजस्थान (Rajsthan) के जोधपुर हाई कोर्ट से आए विपरीत फैसले को पुनर्विचार याचिका में आधार बनाया गया है। राजस्थान के जोधपुर हाई कोर्ट (Jodhpur High Court) ने बीएड डिग्री धारकों को पहली से पांचवीं कक्षा के विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए पात्र नहीं माना है] जबकि प्रदेश हाई कोर्ट ने जेबीटी भर्ती के लिए बीएड वालों को भी पात्र बना दिया है। पुनर्विचार याचिका में अगर पुराना फैसला नहीं बदला जाता है तो सरकार सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में चुनौती याचिका दायर करेगी।
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