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बिना ट्रांजिट पास के रेत-बजरी ले जाने पर रोक, हिमाचल हाई कोर्ट के आदेश
Last Updated on January 7, 2022 by saroj patrwal
शिमला। हिमाचल उच्च न्यायालय ( Himachal High Court) ने अवैध खनन से जुड़े मामले में राज्य सरकार को आदेश दिए हैं कि बिना ट्रांजिट पास (Transit Pass) के किसी को भी रेत बजरी जैसे लघु खनिज (Minor Minerals) ले जाने की अनुमति न दी जाए। राज्य के बाहर से लघु खनिज लाने की स्थिति में नियमों की अनिवार्य प्रक्रिया सुनिश्चित की जाए। कार्यस्थल आदि पर उत्पन्न लघु खनिज के यातायात (Transportation) के मामले में कोर्ट ने संबंधित अधिकारी को उचित अनुपालना सुनिश्चित करने के आदेश भी दिए। कोर्ट ने कहा है कि अधिकृत अधिकारियों द्वारा खनिजों के यातायात के मामले में नियमों का उल्लंघन कर रहे लोगों के खिलाफ नियमों के अनुसार कार्रवाई की जाए। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान (Judge Tarlok Singh Chauhan) व न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ (Judge Jyotsna Riwal Dua) की खंडपीठ ने राज्य सरकार को आदेश दिए कि अवैध खनन को रोकने से जुड़े नियमों की अनुपालना को सुनिश्चित करने के लिए संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी और जवाबदेही भी तय की जाए ।
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ठेकेदारों (Contractors) के बिलों को क्लियर करने से पूर्व राज्य लोक निर्माण विभाग के परामर्श से राज्य उद्योग विभाग (State Industries Department) जांच करे कि आपूर्ति किए गए खनिज का स्रोत कहां है। जांच के लिए एक सप्ताह के भीतर प्रधान सचिव, लोक निर्माण विभाग (Public Works Department) और प्रधान सचिव, उद्योग विभाग अपने विभाग के दो अधिकारियों को नामित करें। इस दौरान संबंधित ठेकेदार भी पूछताछ में जुड़े रह सकते हैं। दो महीने के भीतर जांच पूरी करने को कहा गया है। यदि अधिकारी संतुष्ट हैं कि खनिज की आपूर्ति एक कानूनी स्रोत अथवा तरीके से प्राप्त की गई थी, तभी कानून के अनुसार भुगतान (Payment) संबंधित उचित आदेश पारित किया जाए।
भुगतान जारी करने या अन्य कार्रवाई के लिए सक्षम प्राधिकारी नियमों के उल्लंघन के लिए 2015 के नियमों के तहत कानून के अनुसार अपराधियों के खिलाफ वारंट जारी करें। याचिका में दिए तथ्यों के अनुसार निजी ठेकेदारों ध्कंपनियों के माध्यम से राज्य में विभिन्न विकास गतिविधियां, जैसे सड़कों (Roads), भवनों, विद्युत परियोजनाओं आदि का निर्माण किया जा रहा है । इन ठेकेदारों ध्कंपनियों ने बड़े पैमाने परए अवैध और अंधाधुंध खनन और परिवहन ध्लघु खनिजों की आपूर्ति जैसे बालू, बजरी, पत्थर, बजरी और शिलाखंड आदि स्रोत का खुलासा किए बिना बिल प्रस्तुत किए जाते हैं । राज्य विभाग ऐसे बिलों को ठेकेदारों से बिना पूछे ही क्लियर कर देते हैं। ठेकेदार अवैध रूप से खनिजों को सस्ते दर पर निकालते है। ऐसे अवैध संचालन से सरकारी खजाने को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है।
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