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HP Weather : इन 6 जिलों में अलर्ट जारी, Landslide की भी संभावना
शिमला/ऊना। हिमाचल (Himachal) में बरसात का सीजन शुरू हो गया है। प्रदेश में मानसून (Monsoon) ने करीब 12 दिन पहले दस्तक दे दी है। प्रदेश में प्री मानसून की बारिश 9 जून को रिकॉर्ड की गई थी। इसके बाद 13 जून को मानसून की बारिश (Rain) दर्ज की गई। हिमाचल में सामान्य रूप से 25 जून को मानसून आता है, लेकिन इस बार मानसून काफी पहले आ गया है। पिछले 24 घंटे में हिमाचल में अच्छी बारिश हुई है। कहीं पर भारी बारिश भी हुई है। पिछले 24 घंटे में शिमला (Shimla) जिला में सबसे अधिक बारिश रिकॉर्ड की गई है। शिमला सिटी में भी अच्छी बारिश हुई है। शिमला सिटी में 6 सेंटीमीटर के करीब बारिश हुई है।
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अगले 24 घंटे बारिश का दौर जारी रहेगा। शिमला, सोलन (Solan), सिरमौर, कांगड़ा (Kangra), मंडी व चंबा में कुछ जगहों पर भारी बारिश हो सकती है। उक्त स्थानों को लेकर चेतावनी जारी की गई है। लोगों को नदी और नालों आदि से दूर रहने की सलाह दी गई है। वहीं, शिमला, सोलन, मंडी व चंबा (Chamba) में लैंडस्लाइड (Landslide) और पेड़ उखड़ने की घटनाएं होने का भी अनुमान लगाया गया है। इसके चलते लोगों को अलर्ट रहने के लिए कहा है। हिमाचल में कल से मानसून की रफ्तार धीमी पड़ जाएगी। उसके बाद करीब एक हफ्ते के बाद मानसून दोबारा सक्रिया होगा। मौसम विभाग के निदेशक मनमोहन सिंह ने बताया कि अगले 24 घंटे बारिश की संभावना है। कहीं कहीं पर भारी बारिश भी हो सकती है। इसके बाद कल से बारिश में कमी रहेगी। 18, 19 और 20 जून को भी कमी रहने की संभावना है।
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ऊना (Una) जिला में बरसात के मौसम का आगाज बुधवार से औपचारिक रूप में हुआ। इस बार मानसून जिला में करीब 12 दिन पहले आने से किसानों के लिए काफी लाभदायक माना जा रहा है, जिसके चलते जिला में परंपरागत खेती के साथ-साथ सब्जियों की भी अच्छी पैदावार होने की उम्मीद जताई जा रही है। बरसात के लिहाज से ऊना जिला कुकर बिट्स की पैदावार के लिए काफी अहम माना जाता है, जिसमें करीब आधा दर्जन सब्जियां इसी मौसम में उगाई जाती हैं। बारिश के जल्दी आने के चलते इस बार बेलदार सब्जियां किसानों को अच्छी पैदावार देकर उनकी आर्थिकी को मजबूत करने में अहम भूमिका अदा कर सकती हैं। कृषि वैज्ञानिकों (Agricultural Scientists) ने किसानों को कुछ अहम टिप्स देते हुए बरसात के सीजन में लाभ कमाने की सलाह दी है।
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बरसात का मौसम ऊना जिला के लिए कुकरबिट्स के तौर पर अहम माना जाता है। कुकरबिट्स में कद्दू, घीया, खीरा, डानी, करेला, रामतोरी आदि यह ऐसी प्रमुख सब्जियां हैं, जो जिला में करीब 1,000 हेक्टेयर भूमि पर उगाई जाती हैं। इन सब्जियों में निवेश के साथ-साथ देखभाल के लिए भी खास फोकस करना पड़ता है। ऐसे में मानसून के आते ही यदि किसान (Farmer) इनके उत्पादन की तरफ कदम बढ़ा दे दो उन्हें आने वाले दिनों में अच्छी पैदावार मिलने के आसार हैं, जिनसे उनकी आय में काफी वृद्धि होगी। इसकी आपूर्ति ना सिर्फ ऊना जिला, बल्कि प्रदेश भर में जिला से ही की जाती है। इतना ही नहीं बरसाती भिंडी उगाने का भी किसानों के पास इस पर सुनहरी मौका है। जिला के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ. बीएन सिन्हा कहते हैं कि मानसून का समय से पहले आना किसानों के लिए काफी लाभप्रद है। किसानों को केवल इस मौके का फायदा उठाना है।
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