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दुनिया में शादी-विवाह के संबंधित अपने-अपने रिवाज हैं। भारत में शास्त्रों के अनुसार विवाह करवाया जाता है। अग्नि के समक्ष फेरे लिए जाते हैं। सुहागिन की मांग में सिंदूर भरा जाता है। मुस्लिम देशों में निकाह पढ़ा जाता है। दूल्हा और दुल्हन की रजामंदी के पश्चात ही शादी मंजूर की जाती है। इसी तरह ईसाई समुदाय में भी शादी-विवाह करने का अपना ही कल्चर होता है। आज हम आपको एक ऐसे देश के बारे में बताने जा रहे हैं जहां शादी से पहले लड़की को अपना वजन बढ़ाना बहुत जरूरी होता है। यूं तो लड़कियां स्लिम-ट्रिम (slim-trim) और जीरो साइज में खुद को पसंद करती हैं। मगर इस देश में फिगर को परफेक्ट रखने पर मनाही है। इसलिए शादी से पहले उन्हें अपना वजन बढ़ाना ही पढ़ता है। लड़की जितनी भारी होगी, पति से उसे उतना ही प्यार मिलेगा। दूसरी ओर लड़कियां खुद को फिट रखने के लिए जिम ज्वाइन करती हैं। मगर इस देश में लड़कियों को शादी से पहले फैट कैंप में भेजा जाता है।
पश्चिमी अफ्रीकी (West African) देश मौरिटानिया में ऐसा ही रिवाज है। यहां लड़कियों को दुबला-पतला होने पर सख्त मनाही है। यही कारण है कि यहां लड़कियों को बचपन से ही वजन बढ़ाने की सलाह दी जाती है। इसका कारण यह है वजन वाली लड़की को सौभाग्य का कारण माना जाता है। जब इन लड़कियों की शादी की उम्र होती है तो उन्हें फैट कैंप भेज दिया जाता है, ताकि वे ज्यादा से ज्यादा मोटी हो सकें।
इस फैट कैंप में उन्हें मोटा होने वाली चीजें खिलाई जाती हैं। हर दिन उन्हें 15 हजार कैलरी दी जाती है। नाश्ता भी उनका भारी-भरकम होता है। नाश्ते में उन्हें ऑलिव ऑयल में भीगे हुए ब्रेडक्रम्ब्स खिलाए जाते हैं। वहीं मांस, सूजी से बनी चीजें, अंजीर और ऊंट का दूध भी पिलाया जाता है।
इसके लिए लड़कियां दवाओं (drugs) का सहारा भी लेती हैं। क्योंकि वर्तमान में दवाओं का चलन बढ़ गया है। मगर ज्यादा दवाओं का इस्तेमाल करने से सेहत पर बुरा असर पड़ रहा है। इससे मोटे होने के चक्कर में लड़कियां बीमारियों के चपेटे में आ रही हैं। इससे दिल का दौरा पड़ना भी अमूमन बात हो गई है। दरअसल इस देश में खाने की कमी है। ऐसे मोटी पत्नी को धन संपन्नता और प्रतिष्ठा का प्रतीक माना जाता है। इसलिए ही लड़के मोटी लड़की से शादी करना पसंद करते हैं।
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