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खुफिया एजेंसियों को पहले से थी लाल किले पर खालिस्तानी झंडा फहराए जाने की इनपुट
नई दिल्ली। दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर रैली (Tractor Rally) के दौरान लाल किले की प्राचीर पर धार्मिक झंडा ( Religious Flag) फहराए जाने की हर ओर आलोचना हो रही है। अब सूत्रों के हवाले से खबर सामने आ रही है कि खुफया एजेंसियों (Intelligence Agencies) को पहले से ही लाल किले में झंडा फहराए जाने के इनपुट (Input) मिल चुके थे। जनवरी के शुरुआती हफ्ते में ही एक उच्च स्तरीय बैठक (Meeting) हुई थी। इस बैठक की अध्यक्षता विशेष खुफिया निदेशक ब्यूरो ने की थी। इस बैठक में कहा गया था कि लाल किले पर खालिस्तानी झंडा फहराने की साजिश प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस (Sikh for Justice) रच रहा है।
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बताया जा रहा है कि इस बैठक में दिल्ली पुलिस की ओर से आठ अधिकारी, आईबी के 12, रॉ, एसपीजी सहित हरियाणा पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल थे। आपको बता दें कि सिख फॉर जस्टिस एक प्रतिबंधित अलगाववादी संगठन है जो सिखों के लिए अगल देश की मांग करता है। ये एक यूएस आधारित समूह है जिसके लोग पंजाब में खालिस्तान की मांग करते हैं। देश के 72वें गणतंत्र दिवस से पहले ही एसएफजे ने लाल किले पर खालिस्तानी झंडा फहराए जाने की इनामी राशि बढ़ाकर 250000 लाख यूएस डॉलर की थी।
इसके अलावा इस प्रतिबंधित प्रतिबंधित सगंठन ने पहल फरवरी को भी संसद भवन में झंडा फहराए जाने को लेकर 350000 यूएस डॉलर देने का ऐलान किया है। हालांकि ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के बाद अब प्रदर्शनकारी किसानों पहली फरवरी को किए जाने वाला पैदल संसद मार्च स्थगित कर दिया है। पहली फरवरी को संसद में देश का बजट भी पेश होना है। पहले इसी दिन किसान संगठनों ने संसद भवन तक पैदल मार्च का ऐलान किया था।