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इसरो का कमाल: चांद पर विक्रम लैंडर की दोबारा लैंडिंग, 40 सेंटीमीटर दूर लैंड कराया
नई दिल्ली। चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग (Soft Landing) करवाने के बाद इसरो (ISRO) ने सोमवार को एक और कमाल किया है। इसरो ने विक्रम लैंडर को रविवार को अपनी जगह से 40 सेंटीमीटर ऊपर उठाया और 40 सेंटीमीटर दूर फिर सॉफ्ट लैंड करवाया। इसरो ने इसे हॉप एक्सपेरिमेंट यानी जंप टेस्ट कहा है। इस दौरान विक्रम लैंडर (Vikram Lander) ने इंजन चालू किया। रैंप को दोबारा खोला और बंद किया। दोबारा सफल लैंडिंग के बाद सभी उपकरणों को पहले की तरह सेट कर दिया गया। इसरो ने बताया, ये एक्सपेरिमेंट 3 सितंबर को किया गया। इसका मकसद फ्यूचर ऑपरेशन को सुनिश्चित करने और सैंपल वापसी को नई उम्मीद देना है।
Chandrayaan-3 Mission:
🇮🇳Vikram soft-landed on 🌖, again!Vikram Lander exceeded its mission objectives. It successfully underwent a hop experiment.
On command, it fired the engines, elevated itself by about 40 cm as expected and landed safely at a distance of 30 – 40 cm away.… pic.twitter.com/T63t3MVUvI
— ISRO (@isro) September 4, 2023
प्रज्ञान रोवर का काम पूरा, डेटा पृथ्वी पर आया
इसरो ने 2 सितंबर को बताया था कि प्रज्ञान रोवर (Pragyan Rover) ने अपना काम पूरा कर लिया है। इसे अब सुरक्षित रूप से पार्क कर स्लीप मोड में सेट किया गया है। इसमें लगे दोनों पेलोड APXS और LIBS अब बंद हैं। इन पेलोड से डेटा लैंडर के जरिए पृथ्वी तक पहुंचा दिया गया है। बैटरी भी पूरी तरह चार्ज है। रोवर को ऐसी दिशा में रखा गया है कि 22 सितंबर 2023 को जब चांद पर अगला सूर्योदय होगा तो सूर्य का प्रकाश सौर पैनलों पर पड़े। इसके रिसीवर को भी चालू रखा गया है। उम्मीद की जा रही है कि 22 सितंबर को ये फिर से काम करना शुरू करेगा।
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खराब हो जाएंगी मशीनें
चंद्रयान-3 मिशन 14 दिनों का ही है। ऐसा इसलिए क्योंकि चंद्रमा पर 14 दिन तक रात और 14 दिन तक उजाला रहता है। रोवर-लैंडर सूर्य की रोशनी में तो पावर जनरेट (Power Generate) कर सकते हैं, लेकिन रात होने पर पावर जनरेशन प्रोसेस रुक जाएगी। पावर जनरेशन नहीं होगा तो इलेक्ट्रॉनिक्स भयंकर ठंड को झेल नहीं पाएंगे और खराब हो जाएंगे।
रोवर ने तय की 100 मीटर की दूरी
इससे पहले दिन में इसरो ने बताया था कि रोवर ने शिवशक्ति लैंडिंग पॉइंट (Shivashakti Landing Point) से 100 मीटर की दूरी तय कर ली है। लैंडर और रोवर के बीच की दूरी का ग्राफ भी शेयर किया था। विक्रम लैंडर 23 अगस्त को चंद्रमा पर उतरा था। रोवर को यह दूरी 10 दिन में पूरी की।