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कोरोना से निपटने को यहां स्कूलों, लंबी दूरी के परिवहन के लिए ग्रीन पास किया अनिवार्य
रोम। कोरोना (Corona) महामारी ने भारत ही नहीं पूरे दुनियां को अपनी चपेट में लिया हुआ हैं। हर इस महामारी से परेशान है और इसकी रोकथाम को नित नई बंदिशें लगा रहे हैं। इसी तरह से इटली (Italy) की सरकार ने कोरोना से अपनी जनता को बचाने के लिए एक नए फरमान को मंजूरी दी है,जिसके तहत स्कूल और विश्वविद्यालय के कर्मचारियों, विश्वविद्यालय के छात्रों और हवाई जहाज, जहाजों और ट्रेनों जैसे लंबी दूरी के परिवहन के यात्रियों के लिए ग्रीन पास अनिवार्य कर दिया है। एक समाचार एजेंसी के अनुसार ग्रीन पास (Green Pass) स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा जारी किया गया एक प्रमाण पत्र है जो दर्शाता है कि लोगों को कोरोना टीका लगाया गया है या उनका परीक्षण निगेटिव है या वे कोविड .19 से उबर चुके हैं।
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स्वास्थ्य मंत्री रॉबटरे स्पेरन्जा ने एक कैबिनेट बैठक (Cabinet Meeting) के बाद कहा कि इस महामारी विज्ञान के चरण में सरकार ने शटडाउन से बचने के लिए एक उपकरण के रूप में ग्रीन पास में जितना संभव हो उतना निवेश करना चुना है और इसलिए हमारी स्वतंत्रता की रक्षा करना है। मंत्री ने टीकाकरण अभियान की सफलता की ओर इशारा किया, जिसमें 70 मिलियन से ज्यादा खुराक दी गई, 62 प्रतिशत से ज्यादा आबादी ने टीकाकरण (Vaccination) चक्र पूरा कर लिया और 68 प्रतिशत ने कम से कम एक खुराक प्राप्त की। वहीं शिक्षा मंत्री पैट्रिजि़यो बियानची और सस्टेनेबल इन्फ्रास्ट्रक्च र और मोबिलिटी मंत्री एनरिको जियोवनिनी भी मौजूद थे।
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बियांची ने कहा कि टीकाकरण से इनकार करने वाले स्कूल के कर्मचारियों को बिना वेतन के निलंबित (suspended without pay) कर दिया जाएगा और ऐसा करने वाले छात्रों को अनुचित अनुपस्थिति में शामिल माना जाएगा। पहली बार जून में पेश किया गया, सार्वजनिक कार्यक्रमों में भाग लेने, नसिर्ंग होम तक पहुंचने और देश भर में और यूरोपीय संघ के भीतर जाने के लिए ग्रीन पास जरूरी है। शुक्रवार तकए इटली ने कुल 4,377,188 पुष्टिकृत कोरोनावायरस मामलों और 128,163 मौतों की सूचना दी है।