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खैर कटान पर लगा 10 साल का प्रतिबंध हटाएगी सरकार , एनजीटी को भेजा मामला
Last Updated on August 28, 2022 by sintu kumar
ऊना। हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा खैर कटान ( khair tree cutting) को लेकर एक बड़ा फैसला लिया गया है। रविवार को जिला मुख्यालय पहुंचे वन मंत्री राकेश पठानिया( Forest Minister Rakesh Pathania)ने मीडिया से बातचीत के दौरान सरकार द्वारा इस दिशा में उठाए जा रहे कदम के बारे में खुलासा किया।
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उन्होंने कहा कि अभी तक हर कटान पर 10 साल के प्रतिबंध ( 10 year ban)की शर्त लगाई गई थी । जिसके चलते हिमाचल प्रदेश के ही भूमि मालिकों और जमीदारों को नुकसान उठाना पड़ता था यहां तक कि विपत्ति के समय भी उन्हें अपनी ही भूमि पर लगाए गए खैर के पेड़ों का कोई लाभ नहीं हो पाता था। लेकिन सरकार ने 10 साल के इस प्रतिबंध को हटाने का निर्णय लिया है और इस पर लगभग पूरी प्रक्रिया मुकम्मल कर ली गई है। संबंधित मामले को आगामी कार्रवाई के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (National Green Tribunal) को भेजा गया है। उन्होंने कहा कि सरकार को उम्मीद है कि जल्द ही एनजीटी द्वारा इस पर सकारात्मक फैसला लेते हुए हिमाचल प्रदेश के जमीदारों को लाभ दिया जाएगा।
वन एवं खेल मंत्री राकेश पठानिया रविवार को जिला ऊना के एक दिवसीय दौरे पर पहुंचे। जिला मुख्यालय के सर्किट हाउस में वित्त आयोग अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती ने वन मंत्री का कार्यकर्ताओं के साथ गर्मजोशी से स्वागत किया। पठानिया ने कहा कि वर्तमान परिदृश्य में जमीनें तो जमींदारों की है लेकिन उस पर लगे पेड़ प्रदेश सरकार के है। उन्होंने कहा कि जमींदारों के लिए सरकार नियमो में बदलाव करने जा रही है।
उन्होने कहा कि सरकार के इस फैसले से न केवल जमीदारों को लाभ होगा अपितु हर प्रकार से यह फैसला हिमाचलियों के लिए फायदेमंद साबित होगा। वहीं वन मंत्री ने इस फैसले से आने वाले विधानसभा चुनावों में सीधे तौर पर 32 विधानसभा क्षेत्रों के बीजेपी उम्मीदवारों को लाभ मिलने की भी उम्मीद जताई। उन्होंने कहा कि अगर बीजेपी के उम्मीदवार इस मुद्दे को जनता तक सही ढंग से रख पाएंगे तो निश्चिततौर पर इसका उन्हें लाभ मिलेगा।
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