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कंगना की सीएम जयराम से मांग – सैमुअल स्टोक्स के नाम पर बने स्मारक
Last Updated on July 22, 2021 by Deepak
हमेशा विवादों में रहने वाली एक्ट्रेस कंगना रनौत (Actress Kangana Ranaut) अब हिमाचल से जुड़े मुद्दे उठाने लगी हैं। इस बार कंगना में सीएम जयराम ठाकुर के लिए एक पोस्ट इंस्टाग्राम पर डाली है। कंगना ने अमेरिकी नागरिक सैमुअल स्टोक्स (Satyanand Stokes) के नाम पर किसी स्मारक या लैंडमार्क का नाम रखने की बात कही है। सैमुअल स्टोक्स (Samuel Stokes) ने हिमाचल के विकास में काफी योगदान दिया है और हिमाचल में पहली बार सेब लाने का श्रेय उन्ही को जाता है। सैमुअल यानी सत्यानंद स्टोक्स ने सबसे पहले शिमला के कोटगढ़ में सेब उगाए थे।
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कंगना ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट (Instagram account) पर उनकी फोटो शेयर करते हुए लिखा, “सैमुअल स्टोक्स भारतीय नहीं थे, लेकिन उन्होंने भारत की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी और ब्रिटिश सरकार के देशद्रोह के आरोपों का सामना किया। वह एक अमीर अमेरिकी क्वेकर परिवार से थे, उन्होंने सब कुछ छोड़ दिया। संस्कृत सीखी, हिंदू बने, एक स्कूल स्थापित किया और हिमाचल प्रदेश में सेब लाए। हिमाचली किसानों की ज्यादातर कमाई सेब के बागों से होती है, लेकिन उनके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। मैं हमारे सीएम जयराम ठाकुर से अनुरोध करती हूं कि हिमाचल में एक प्रमुख स्थल का नाम सैमुअल स्टोक्स के नाम पर रखें। हमें यह उपकार स्वयं पर करना चाहिए क्योंकि सैमुअल ने जीवन भर हिंदू धर्म का पालन किया और पितृपूजा (पूर्वजों के लिए आभार) का हमारी संस्कृति में सर्वोच्च महत्व है और हमें इस व्यक्ति को अपना सम्मान देना चाहिए। उसके कार्य, कड़ी मेहनत और दूरदर्शिता आज तक हिमाचल में लाखों लोगों को रोजगार दे रही है।”
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बता दें कि साल 1905 में सैमुअल इवांस स्टोक्स अमेरिका (America) से हिमाचल आए थे। स्टोक्स ने शिमला के लोगों को बीमारी और रोजी-रोटी से जूझते हुए देखा तो यहीं रहकर उनकी सेवा करने का निर्णय लिया। उन्होंने एक स्थानीय युवती से शादी की और आर्य समाजी बन गए। उन्होंने अपना नाम बदलकर सत्यानंद स्टोक्स रख लिया। उन्होंने कोटगढ़ में उस दौर में स्कूल भी खोला था। स्टोक्स ने साल 1916 में अमेरिका से रेड डेलीशियस प्रजाति पौधा लाकर कोटगढ़ की थानाधार पंचायत के बारूबाग में सेब का पहला बगीचा तैयार किया। कोटगढ़ से यह प्रजाति जल्द ही प्रदेश के दूसरे इलाकों में फैली और इसकी अन्य उन्नत किस्में प्रदेश में बड़े पैमाने पर लगाई गई। 1946 में सत्यानंद स्टोक्स की मृत्यु हो गई थी। वह हिमाचल कांग्रेस की दिग्गज नेता और पूर्व मंत्री और विधायक विद्या स्टोक्स के ससुर थे। आज भी उस इलाके में उनका नाम सम्मान के साथ लिया जाता है और लोग उनको याद करते हैं।
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