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एजुकेशन लोन लेते समय इन बातों का रखेंगे ध्यान तो नहीं होगी कोई भी मुश्किल
आज के दौर में हर कोई चाहता है कि उसे अच्छे कॉलेज में एडमिशन मिले लेकिन महंगी फीस आड़े आ जाती है। ऐसे में एजुकेशन लोन का ही सहारा रह जाता है। आपके आसपास बहुत सारे लोगों ने लोन लिया होगा और अगर आप हायर एजुकेशन के लिए बैंक से एजुकेशन लोन लेना चाहते हैं तो उसके लिए कुछ बातों का ध्यान जरूर रखें।
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हायर एजुकेशन के दौरान फीस के अलावा हॉस्टल, लैपटॉप और किताबों जैसी चीजों पर भी पैसे खर्च होते हैं, ऐसे में इतना लोन अमाउंट होना चाहिए कि ये सारा खर्च कवर हो सके। आमतौर पर देश में पढ़ाई के लिए अधिकतम 10 लाख रुपये और विदेशों में पढ़ाई के लिए 20 लाख रुपये तक का लोन मिलता है। लेकिन IIT, IIM और ISB जैसे बड़े संस्थानों में पढ़ाई के लिए ज्यादा लोन सकता है। ऐसे में अपने कोर्स के लिए कई वित्तीय संस्थानों द्वारा ऑफर किए जाने वाले एजुकेशन लोन की तुलना जरूर करनी चाहिए।
किसी एक बैंक में अप्लाई कर एप्रूवल का इंतजार करने से ज्यादा बेहतर होगा कि आप एजुकेशन लोन के सिंगल विंडो प्लेटफॉर्म- प्रधानमंत्री विद्या लक्ष्मी कार्यक्रम (PMVLK) की ओर जाएं। यहां आप एक एप्लीकेशन पर तीन बैंकों में अप्लाई एक साथ कर सकते हैं। यहां 40 बैंक रजिस्टर्ड हैं।
एजुकेशन लोन में बढ़ते डिफॉल्ट और एनपीए को देखते हुए बैंक अब लोन एप्रूव करते समय में लोन के रीपेमेंट को सुनिश्चत करना चाहते हैं। ऐसे में अगर आप को-एप्लीकेंट के तौर पर माता-पिता या अभिभावक के साथ अप्लाई करते हैं तो एप्रूव होने की संभावना बढ़ जाती है।
अगर आप एजुकेशन लोन लेते हैं तो पढ़ाई खत्म होने के 1 साल बाद आपको लोन चुकाना शुरू करना होता हैष इसे आप अधिकतम 2 साल के लिए बढ़वा सकते हैं, वहीं एजुकेशन लोन पर ब्याज लोन लेने के साथ ही शुरू हो जाती है। इसके साथ ही एजुकेशन लोन चुकाने के लिए पढ़ाई खत्म होने के बाद 15 साल का समय मिलता है।
एजुकेशन लोन के साथ एक अच्छी बात यह है कि बैंक केवल उस अमाउंट के आधार पर ब्याज लेते हैं जो डिस्बर्स्ड है। कई संस्थान और यूनिवर्सिटी में सेमेस्टर के आधार पर पेमेंट होता है। इसलिए पूरी फीस पेमेंट की जगह किस्तों में लोन को चुनें।
एजुकेशन लोन पर टैक्स छूट का फायदा सेक्शन 80ई (80E) के तहत लिया जा सकता है। एजुकेशन लोन पर टैक्स डिडक्शन सिर्फ आठ साल तक के लिए ऑफर किया जाता है।