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नागदेवता का एक ऐसा मंदिर, यहां नहीं डलवा सकता कोई छत
Last Updated on August 4, 2022 by sintu kumar
भारत में जगह-जगह पर नाग देवता के मंदिर विराजमान हैं। इन मंदिरों के साथ लोगों की खूब आस्था जुड़ी हुई है। आज हम आपको एक ऐसे रहस्यमयी मंदिर (Mysterious Temple) के बारे में बताएंगे जिसके बारे में जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे। इस मंदिर में सदियों पुरानी मूर्तियां खंडित अवस्था में पड़ी हुई है।
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ये रहस्यमयी मंदिर औरेया जनपद के दिबियापुर के सेहुद गांव में स्थित है। इस मंदिर को प्राचीन धौरा नाग मंदिर (Dhaura Nag Temple) के नाम से जाना जाता है। मंदिर के इतिहास की बात करें तो माना जाता है कि इस मंदिर में 11वीं सदी में मोहम्मद गजनवी ने तोड़फोड़ कर डाली थी। मंदिर की खास बात ये है कि इस मंदिर की छत नहीं है और यहां सदियों पुरानी मूर्तियां भी खंडित अवस्था में पड़ी हुई हैं।
इस मंदिर को लेकर मान्यता प्रचलित है कि इस मंदिर की जिसने भी छत बनाने की कोशिश की उसकी मौत हो गई या फिर उसके परिवार के किसी सदस्य की मौत हो जाती है। इसलिए इस मंदिर की छत नहीं बनाई जाती है। वहीं, यहां अगर कोई छत डालता भी है तो छत अपने आप नीचे गिर जाती है। बताया जाता है कि एक इंजीनियर ने इस मंदिर में छत बनाने की कोशिश की थी, लेकिन ऐसा करने के कुछ दिन बाद उसके दोनों बच्चों की मौत हो गई और छत भी नीचे गिरी हुई मिली।
वैसे तो ये यह मंदिर हमेशा ही खुला रहता है। हालांकि, नाग पंचमी वाले दिन इस मंदिर में मेले और दंगल का आयोजन करवाया जाता है। इस मंदिर में लोग नाग देवता की पूजा-अर्चना करते हैं।
नहीं कर सकता कोई चोरी
इस मंदिर से कोई भी व्यक्ति कुछ चुराकर नहीं ले जा सकता। अगर कोई ऐसी हिम्मत करता भी है तो उसके हालात ही ऐसे पैदा हो जाते हैं कि मजबूरन उसे वही चीज दोबारा मंदिर में ही रखनी पड़ती है। बताया जाता है कि सन् 1957 में इटावा के तत्कालीन जिलाधिकारी इस मंदिर की मूर्ति ले गए थे, मगर कुछ दिन बाद उन्हें मूर्ति वापस करने फिर यहां आना पड़ा था।
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