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आखिरी दिन विधानसभा में गूंजा ‘लाठी कांड’, जयराम बोले: दुर्व्यवहार निंदनीय
शिमला। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सोमवार को विधानसभा में आरोप लगाया कि सरकार के खिलाफ चौड़ा मैदान में बीजेपी के प्रदर्शन (BJP Agitation) में न केवल पार्टी विधायकों को जाने से रोका गया, बल्कि उन्हें विधानसभा परिसर में प्रवेश करने से भी रोका गया। इस दौरान पुलिस ने उनके साथ दुव्यर्वहार (Misbehave With BJP MLAs) किया। जयराम ठाकुर ने सदन में मामला उठाते हुए कहा कि विधायकों के साथ इस तरह का व्यवहार दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि इस तरह का व्यवहार अनावश्यक व निंदनीय है, क्योंकि बीजेपी विधायक शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि जब बीजेपी सत्ता में थी, तब भी इस तरह के प्रदर्शन कांग्रेस किया करती थी। लेकिन कभी भी सरकार ने विधायकों के रैली में जाने अथवा परिसर में आने पर प्रतिबंध नहीं लगाया। पुलिस ने पूर्व सांसद और बीजेपी प्रभारी को भी विधानसभा परिसर स्थित नेता प्रतिपक्ष के कार्यालय में आने नहीं दिया। बीजेपी के विरोध प्रदर्शन के दौरान सरकार ने लोगों और वाहनों की आवाजाही पर पाबंदी लगा दी थी, जिससे जनता को भारी असुविधा हुई।
पास क्यों नहीं बनवाया: मुकेश
जयराम ठाकुर ने कहा कि पुलिस के दुर्व्यवहार और सख्ती के कारण बीजेपी विधायक डॉ. जनक राज को चोट (BJP MLA Injured) लगी। इस मामले पर उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि कांग्रेस शासन में विधायक संस्थान और अन्य सभी निर्वाचित प्रतिनिधियों के लिए सर्वोच्च सम्मान है। उन्होंने कहा कि बेहतर होता कि बीजेपी नेता और प्रभारी पास बनवा लेते तो उन्हें विधानसभा परिसर में प्रवेश करने में कठिनाई नहीं होती। उन्होंने कहा कि सत्र के दौरान सुरक्षा के कड़े प्रबंध (Tight Security Arrangements) पहले से ही होते रहे हैं। ऐसे में सख्ती होना कोई नई बात नहीं है।
विधायक का मोबाइल गिरा
विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने आश्वासन दिया कि वह विपक्ष के नेता द्वारा उठाए गए मुददे पर गौर करेंगे और यदि कुछ गलत पाया जाता है तो उचित कार्रवाई होगी। इसी मामले में विधायक इन्द्र सिंह गांधी ने भी कहा कि उनका मोबाइल पुलिस की लाठी को रोकते हुए गिर गया था, जिसे वहां पर स्विच ऑफ कर दिया गया है।