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विषपान करके नीलकंठ कहलाए थे महादेव, पसंद हैं ये सब चीजें
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बता दें कि भोलेनाथ को आक, भांग, बेलपत्र, धतूरा और एक लोटा जल का अर्पित कर देने से भोलेनाथ प्रसन्न हो जाते हैं। इन सब चीजों के अर्पित करने से इस माह में भोलेनाथ की विशेष कृपा की प्राप्ति होती है। गौरतलब है कि भोलेनाथ का नाम नीलकंठ भी है। इसका कारण यह है कि भोलेनाथ ने विष को गले से नीचे नहीं उतरने दिया था। विष का प्रभाव महादेव (Lord Shiva) के सिर चढ़ने लगा था और वे काफी व्याकुल हो गए थे।
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कहा जाता है कि महादेव काफी परेशान हो गए और अचेत अवस्था में चले गए। उनको इस स्थिति में देखकर देवी-देवता अचंभित हो गए। उसी दौरान मां आदि शक्ति प्रकट हो गई। उन्होंने महादेव का उपचार करना आरंभ कर दिया। इसके लिए मां ने जड़ी-बूटियों और जल का प्रयोग किया। आदिशक्ति की ओर से दिए गए निर्देश के अनुरूप ही सभी देवी-देवताओं ने महादेव के मस्तिष्क पर भांग (Cannabis), आक, धतूरा और भांग रखी। साथ ही वे निरंतर जलाभिषेक भी करते रहे। इस कारण विष का प्रभाव कम हुआ और महादेव के मस्तिष्क का ताप भी कम हुआ।
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वहीं, आयुर्वेद में भांग व धतूरा को एक औषधि बताया गया है। इसके अतिरिक्त शास्त्रों में बेलपत्र के तीन पत्तों को रज, सत्व और तमोगुण का कारण माना गया है। अगर यह सीमित मात्रा में लिया जाए तो औषधि के अनुरूप ही कार्य करता है।