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भगवान शिव ने बचाई थी अफगानिस्तान में अंग्रेज अफसर की जान, पत्नी ने किया अनुष्ठान
आस्था और ईश्वर दोनों ही बहुत ही गहरे विषय हैं। कोई भगवान को नहीं मानता कोई भगवान की पूजा और सेवा में लगा रहता है। सनातन धर्म में बहुत से देवी-देवताओं का उल्लेख है। भगवान शिव को करोड़ों लोग पूजते हैं। ऐसे में आज आपको भगवान शिव और ब्रिटिश काल में एक कर्नल के किस्से के बारे में बताने जा रहे हैं। इसमें एक अंग्रेजी सेना के कर्नल ने दावा किया था कि उन्हें बचाने के लिए खुद भगवान शिव ही पहुंचे थे। दरअसल यह किस्सा 140 साल से भी ज्यादा पुराना है।
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साल 1879 में एक अंग्रेज अफसर लेफ्टिनेंट कर्नल सी. मार्टिन (Lt Col C. Martin) भारत में तैनाथ थे। कर्नल मार्टिन की तैनाती आगर-मालवा में थी। यह जगह मध्य प्रदेश में है। इसी बीच अंग्रेजों की अफगानियों के साथ जंग छिड़ी हुई थी। कर्नल मार्टिन को भी आगर-मालवा से अफगानिस्तान (Afghanistan) भेजने के आदेश अंग्रेज प्रशासन ने दिए। लेफ्टिनेंट कर्नल मार्टिन को सेना का नेतृत्व करने के लिए अफगानिस्तान भेजा गया था।
उस दौर में फोन नहीं होते थे। ऐसे में पत्राचार का माध्यम खत ही रहते थे। अपनी खैर खबर के लिए कर्नल मार्टिन (Colonel Martin) अपनी पत्नी को नियमित खत लिखते थे। सब कुछ ठीक चल रहा था कि अचानक उनकी पत्नी को कर्नल मार्टिन के खत मिलना बंद हो गए। कई दिनों तक पत्र ना मिलने के बाद उनकी पत्नी हताश और परेशान हो गई। मार्टिन की कोई खोज खबर नहीं थी कि वो ठीक हैं या युद्ध में उनकी मौत हो गई है।
एक दिन उनकी पत्नी परेशान होकर कहीं जा रही थीं, तभी रास्ते में उन्हें भगवान शिव का एक मंदिर मिला। पता नहीं उनके मन में क्या आया, वो मंदिर के अंदर चली गईं। उस समय मंदिर में भगवान शिव की आरती चल रही थी। इस दौरान पूछने पर मंदिर के पुजारी ने बताया कि ये भगवान शिव हैं और इनके लिए कुछ भी असंभव नहीं है, वो जो चाहें वो कर सकते हैं।
भगवान शिव की महिमा जानने के बाद कर्नल मार्टिन की पत्नी (Colonel Martin Wife) ने भोलेनाथ से अपने पति की रक्षा करने की प्रार्थना की और 11 दिनों का एक अनुष्ठान भी करवाया। ठीक 11वें दिन एक चमत्कार हुआ और उनके पति यानी कर्नल मार्टिन का पत्र आया।
इस पत्र में मार्टिन (Colonel Martin) ने जिस बात का जिक्र किया वही बात आज तक किस्सों कहानियों में बयां की जाती है। कर्नल मार्टिन ने पत्र में लिखा था कि हमारी सेना को अफगानों ने घेर लिया था। युद्ध में कई सैनिक भी मारे गए थे और उनके बचने के भी को आसार नहीं थे। इसी दौरान मैंने अपनी आंखें बंद कर ली और भगवान (God) को याद करने लगा। तभी युद्धभूमि में न जाने कहां से एक व्यक्ति आया। किसी योगी (Yogi) की तरह उसके लंबे-लंबे बाल थे, उसने अपने हाथ में एक त्रिशूल लिया हुआ था। उसे देखते ही अफगानी सैनिक तुरंत वहां से भाग खड़े हुए। इस तरह कर्नल मार्टिन की जान बची और उसके बाद वह अपने घर अपनी पत्नी के पास आए। कर्नल मार्टिन जब घर लौटे तो उनकी पत्नी ने 11 दिन के भगवान अनुष्ठान की बात भी बताई।
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