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ऊना के नदी-नालों में खनन पर रोक, अढ़ाई महीने तक नहीं होगी माइनिंग
Last Updated on June 26, 2021 by Deepak
ऊना। जिला ऊना में खनन माफिया पिछले काफी समय से सक्रिय है। जिला में खनन का मामला एनजीटी तक पहुंच चुका है और पिछले दिनों ऊना में एनजीटी (NGT) का पैनल खनन गतिविधियों का जायजा तक ले चुका है। इसके बाद अब खनन गतिविधियों (Mining) पर आगामी अढ़ाई माह तक पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया गया है। खनन विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार 1 जुलाई से 15 सितंबर तक जिला भर में तमाम खनन गतिविधियों पर पूरी तरह से विराम रहेगा। इसके तहत इस कालखंड के दौरान न केवल सोमभद्रा नदी बल्कि अन्य सहायक खड्डों में भी माइनिंग पर पूरी तरह से रोक लगाने का फैसला लिया गया है। विभाग द्वारा यह आदेश बरसात के सीजन के चलते लागू किया गया है। यह आदेश जिला भर में खनन के लिए अधिकृत किए गए लीज होल्डर पर भी लागू रहेगा। खनन विभाग द्वारा जारी निर्देशों की पालना ना करने पर क़ानूनी कार्रवाई का प्रावधान भी रखा गया है। वहीं, हाल ही में एनजीटी के पैनल द्वारा एक शिकायत की जांच के लिए दौरा करने के बाद खनन विभाग रिपोर्ट तैयार करने में जुटा है और जिला खनन अधिकारी का दावा है कि विभाग एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट तैयार कर एनजीटी पैनल को सौंप देगा।
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जिला में खनन गतिविधियों पर आगामी अढ़ाई माह तक पूरी तरह से प्रतिबंध (Ban) लगाने का फैसला लिया गया है। खनन विभाग द्वारा जारी आदेश के मुताबिक 1 जुलाई से 15 सितंबर तक जिला की प्रमुख सोमभद्रा नदी और अन्य सभी सहायक खड्डों में अगले अढ़ाई माह तक खनन का कोई काम नहीं होगा। यहां तक की नदी और खड्डों में लीज देकर खनन के लिए अधिकृत किए गए लोग भी इस कालखंड के दौरान माइनिंग के लिए पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेंगे। खनन विभाग द्वारा मानसून सीजन के चलते यह फैसला लिया गया है जिसमें पर्यावरण के अनुरूप व्यवहार को सुनिश्चित करने के लिए खनन पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया है। जिला खनन अधिकारी नीरज कांत ने आदेश जारी करते हुए कहा कि विभाग द्वारा इस दौरान खनन के लिए सभी लीज संबंधित क्षेत्रों के साथ-साथ अन्य खनन संभावित स्थानों पर भी नजर रखी जाएगी ताकि नियमों के उल्लंघन पर आवश्यक कार्रवाई अमल में लाई जा सके।
माइनिंग ऑफिसर ने बताया कि बरसात के सीजन में पर्यावरण सुरक्षा की दृष्टि से इस आदेश को लागू किया गया है। गौरतलब है कि कुछ दिन पूर्व ही नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल का एक पैनल पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के पूर्व जज जस्टिस जसवीर सिंह की अगुवाई में अवैध खनन के मामलों की भी जांच करने पहुंचा था। एनजीटी में चल रहे मामले की भी खनन विभाग द्वारा रिपोर्ट तैयार की जा रही है और जिला खनन अधिकारी नीरज कांत ने बताया कि विभाग द्वारा एक सप्ताह के भीतर विभाग द्वारा रिपोर्ट एनजीटी पैनल को सौंप दी जाएगी।