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सुक्खू सरकार की राहें नहीं आसान, फिर भी जनता की उम्मीदों पर उतरेंगे खरा
Last Updated on January 15, 2023 by sintu kumar
नाहन। प्रदेश की सुक्खू सरकार में उद्योग, संसदीय मामले एवं आयुष मंत्री का पद संभालने के बाद शिलाई के विधायक हर्षवर्धन चौहान पहली बार अपने गृह जिला सिरमौर में पहुंचे। रविवार दोपहर बाद सर्किट हाउस में पहुंचे मंत्री हर्षवर्धन का कांग्रेसी नेता और कार्यकर्ताओं ने जोरदार स्वागत किया। इस मौके पर मीडिया से बात करते हुए उद्योग,मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बने केवल अभी एक महीने ही हुआ है, लेकिन सरकार द्वारा इस बीच ऐतिहासिक फैसले लिए हैं। उद्योग मंत्री ने कहा कि आज हमें प्रदेश में एक कंगाल सरकार मिली है।
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आज सरकारी खजाना खाली है। इस वक्त प्रदेश पर 75 हजार करोड़ रुपये का कर्जा है। इसके अलावा 11 हजार करोड़ रुपये की देनदारी कर्मचारियों व पेंशनरों की है। लिहाजा आज प्रदेश सरकार की जो डगर हैं, राह हैं, वो आसान नहीं है। लेकिन फिर भी वह प्रदेश की जनता को विश्वास दिलाना चाहते हैं कि जो विश्वास जनता ने सरकार पर दिखाया है, वह उस पर खरा उतरेंगे। मंत्री हर्षवर्धन ने कहा हाल ही में कैबिनेट की चुनाव में किए गए वादे के मुताबिक पहली ही कैबिनेट की बैठक में ओपीएस की बहाली कर प्रदेश के 1 लाख 35 हजार कर्मचारियों को राहत प्रदान कर पुरानी पेंशन को बहाल किया है। इसी तरह कांग्रेस की 10 गारंटियों को भी पूरा करने के लिए सरकार वचनबद्ध है। इसके तहत एक लाख युवाओं को रोजगार देने के लिए भी उनकी अध्यक्षता में कैबिनेट ने एक सबकमेटी बनाई है। दूसरी सब कमेटी मंत्री धनीराम शांडिल के नेतृत्व में बनाई गई है, जिसके तहत 18 से 60 वर्ष की महिलाओं को 1500 रुपये पेंशन के रूप में दिए जाने हैं।सबकमेटियां अपनी रिपोर्ट कैबिनेट में देगी।क्रमबद्ध तरीके से सभी वादों को पूरा किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार सत्ता का सुख भोगने के लिए सत्ता में नहीं आई है, बल्कि व्यवस्था परिवर्तन के लिए सत्ता में आए। पिछले 70 सालों से जिस तरह से सरकार चली हैं, उस तरह से यह सरकार नहीं चलेगी। इस सरकार में परिवर्तन लाएंगे। भ्रष्टाचार को खत्म करेंगे। पारदर्शिता लाएंगे। जहां-जहां भी भ्रष्टाचार व अनियमितताएं हैं, उस पर कड़ाई से कदम उठाया जाएगा। हर्षवर्धन ने कहा कि हाल ही में हमीरपुर कर्मचारी चयन आयोग जो भ्रष्टाचार का अड्डा बना हुआ था, जहां पर पेपर बिकते थे। जब इस मामले को सीएम के संज्ञान में लाया गया, तो तुरंत पेपर बेचने वाले कर्मचारियों को रंगे हाथों पकड़ा गया है। संबंधित कर्मचारी चयन आयोग को भंग कर दिया गया है, जिसका विरोध पूर्व सीएम जयराम ठाकुर सहित भाजपा के नेता लगातार कर रहे हैं। जबकि बीजेपी को कांग्रेस सरकार के इस फैसले की सराहना करनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार भ्रष्टाचार रोकने में नाकामयाब रही है।