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China की शह पर Nepal की हिमाकत: नए नक्शे में लिपुलेख और कालापानी को अपना बताया
Last Updated on May 19, 2020 by
नई दिल्ली/काठमांडू। भारत (India) और नेपाल (Nepal) के बीच ठना सीमा विवाद दिनों दिन गहराता जा रहा है। सोमवार को नेपाल ने अपने देश का नया नक्शा (New Map) जारी किया, जिसमें भारत के कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को भी शामिल किया गया है। जिसे देखकर ऐसा लगता है जैसे नेपाल ने चीन (China) के इशारों पर काम करना शुरू कर दिया है। नेपाल ने अपने नए राजनीतिक नक्शे में तिब्बत, चीन और नेपाल से सटी सीमा पर स्थित भारतीय क्षेत्र कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधूरा को नेपाल का हिस्सा बताया है। नेपाल ने सिर्फ उत्तराखंड (Uttarakhand) से लगती 805 किमी सीमा में ही बदलाव किया है।
नक्शे में नेपाल के उत्तरी, दक्षिणी, पूर्वी और पश्चिमी अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को दिखाया गया
लद्दाख, हिमाचल, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और सिक्किम के साथ ही चीन से लगती सीमा को पूर्ववत ही रखा है। नए नक्शे में नेपाल के उत्तरी, दक्षिणी, पूर्वी और पश्चिमी अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को दिखाया गया है। इन सीमाओं से सटे इलाकों की राजनीति और प्रशासनिक व्यवस्थाओं के बारे में भी बताया गया है।
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कैबिनेट से प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद नेपाल की राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने कहा, ‘लिंपियाधुरा, लिपुलेख और कालापानी इलाके नेपाल में आते हैं और इन इलाकों को वापस पाने के लिए मजबूत कूटनीतिक कदम उठाए जाएंगे। नेपाल के सभी इलाकों को दिखाते हुए एक आधिकारिक मानचित्र जारी होगा।’
भारत ने उत्तराखंड के लिपुलेख से कैलाश मानसरोवर के लिए सड़क का उद्घाटन किया था
गौरतलब है कि इससे पहले 8 मई को भारत ने उत्तराखंड के लिपुलेख से कैलाश मानसरोवर के लिए सड़क का उद्घाटन किया था जिसे लेकर नेपाल ने कड़ी आपत्ति जताई थी। उसके बाद से नेपाल में खूब विरोध-प्रदर्शन होने लगे थे। नेपाल के पीएम केपी ओली ने भी कहा था कि वह एक इंच जमीन भारत को नहीं देंगे। नेपाल के इस कदम के बाद दोनों देशों के बीच गतिरोध बढ़ने की आशंका गहरा गई है। बता दें कि 6 महीने पहले जब भारत ने जम्मू-कश्मीर के दो राज्यों में विभाजन के बाद नया नक्शा जारी किया था तो इसमें कालापानी को शामिल करने को लेकर नेपाल ने विरोध दर्ज कराया था। उस वक्त से ही नेपाल में देश का नया नक्शा जारी करने की मांग उठ रही थी।