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सुन्नी प्रोजेक्ट: 2 घंटे की बातचीत के बाद झुकी कंपनी, लागू होंगे श्रम कानून
लेखराज धरटा/शिमला। अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदालन कर रहे सुन्नी हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट (Sunni Hydro Electric Project) के सैंकड़ों मजदूरों के साथ कंपनी प्रबंधन ने शनिवार को 2 घंटे तक बातचीत की। कंपनी ने अगले दो दिन में श्रम कानूनों (Labor Act) को लागू करने की प्रक्रिया शुरू करने का आश्वास दिया है। कंपनी का कहना है कि सभी श्रम कानून 28 दिसंबर से पहले लागू हो जाएंगे।उधर, मजदूरों ने दूसरे दिन भी दो शिफ्टों में काम बंद रखा। अब यूनियन का कहना है कि अगर कंपनी ने 28 दिसंबर के भीतर श्रम कानूनों को लागू नहीं किया तो आंदोलन (Agitation) तेज किया जाएगा।
रोज 18 घंटे काम करने पर मजबूर
मजदूरों को संबोधित करते हुए सीटू के राज्य अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा समेत अन्य श्रमिक नेताओं ने कहा कि सुन्नी बांध हाइड्रो परियोजना में मजदूरों को न्यूनतम वेतन (Minimum Wages) से कम वेतन दिया जा रहा है। उनसे 18 घन्टे काम करवाया जा रहा है। उन्हें टनल वेतन, छुट्टियों का वेतन, ओवरटाइम वेतन नहीं दिया जा रहा है। उन्हें दस्ताने, जूते, हेलमेट, मास्क आदि नहीं दिए जा रहे हैं। मजदूरों के ईपीएफ (EPF) का कोई रिकॉर्ड नहीं है। उन्हें रहने, खाने, मैस, केंटीन, शौचालय, स्नानघर, यातायात सुविधा, छुट्टियां, श्रमिक कल्याण बोर्ड के तहत पंजीकरण आदि सुविधा नहीं है।
एक कंटेनर में दर्जनों मजदूर
उन्होंने कहा कि मजदूरों को समुचित रिहाइश के बजाए कंटेनरों (Containers) में जानवरों की तरह ठूंसा गया है। एक कंटेनर में दर्जनों मजदूरों को रहने के लिए विवश किया जा रहा है। उन्हें श्रेणी अनुसार वेतन नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने चेताया है कि अगर ये मांगें शीघ्र पूर्ण न हुईं और श्रम कानून लागू न हुए तो आंदोलन तेज होगा। मजदूर हड़ताल करके प्रोजेक्ट कार्य को ठप्प कर देंगे।