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हिमाचल में कांग्रेस सरकार 23 दिन बाद भी तय नहीं कर पाई मंत्रियों के नाम
शिमला। प्रदेश की सुक्खू सरकार (Sukhu Govt) में मंत्रियो के गठन को समय लग सकता हैं। कारण यह है कि राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर (Governor Rajendra Vishwanath Arlekar) सात से 14 जनवरी तक छुट्टी पर रहेंगे। सीएम सुखविंदर सिंह सोमवार को मनाली (Manali) से दिल्ली रवाना हो गए हैं। वह पार्टी हाईकमान से कैबिनेट गठन पर चर्चा करेंगे। चार से छह जनवरी तक विधानसभा शीतसत्र चलेगा ऐसे में मंत्रियों की शपथ या तो सात जनवरी को सुबह होगी या फिर 15 जनवरी को हो सकती है। पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता हासिल करने के बाद भी प्रदेश की सुक्खू सरकार कैबिनेट की टीम नहीं बना पाई।
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हिमाचल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब सरकार बनने के 23 दिन बाद भी कैबिनेट मंत्रियों (Cabinet Minister) के नाम फाइनल नहीं हो सके। पूर्व में जब-जब भी नई सरकार गठित हुई थी तो सीएम के साथ-साथ कम से कम सात या आठ मंत्रियों को शपथ दिलाई जाती थी, लेकिन कांग्रेस (Congress) ने रिवाज बदला और इस बार ऐसा होने नहीं दिया। गौरतलब है कि 11 दिसंबर को सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सीएम और मुकेश अग्निहोत्री (Mukesh Agnihotri) ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
एनपीएस कर्मचारी कर रहे पहली कैबिनेट बैठक का इंतजार
प्रदेश की जनता के साथ-साथ कांग्रेस कार्यकर्ता भी सोचने को मजबूर है कि मंत्रियों के नामों पर मुहर क्यों नहीं लग रही है। पूरी कैबिनेट का गठन ना होने से कैबिनेट की मीटिंग भी नहीं हो पाई। खासकर एनपीएस कर्मचारी (NPS Employee) इस आस में हैं कि सुक्खू सरकार की पहली कैबिनेट में उन्हें ओपीएस का तोहफा मिलेगा। मगर उन्हें अभी कम से कम एक सप्ताह का इंतजार करना पड़ सकता है। कांग्रेस ने युवाओं को रोजगार, महिलाओं को 1500 रुपए प्रति माह समेत कई वादे चुनाव घोषणा पत्र में किए हैं।
बिन कैबिनेट कैसे पूरे होंगे वादे
इन वादों को पूरा करने के लिए हालांकि समय लगेगा। लेकिन पूरी कैबिनेट के बिना संभव भी नहीं है। बताया जा रहा है कि विधानसभा का शीत सत्र समाप्त होने के बाद सीएम सुक्खू को कैबिनेट मंत्री मिल जाएंगे। ऐसे में जाहिर है कि पूरी कैबिनेट का गठन होने के बाद ही प्रदेश सरकार कांग्रेस की 10 गारंटियों को एक-एक कर नीतिगत दस्तावेज बनाएगी। अब देखना है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार जनता से किए गए वादे कब पूरा करती है?