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गुड़िया दुष्कर्म और हत्या केस : पुन: जांच करवाने की याचिका पर सुनवाई टली
शिमला। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (Himachal Pradesh High Court) में गुड़िया दुष्कर्म (Gudiya Case) मामले की जांच पुनः करवाए जाने की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई छह सप्ताह के लिए टल गई। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश लिंगप्पा नारायण स्वामी (Chief Justice Lingappa Narayana Swamy) व न्यायाधीश अनूप चिटकारा की खंडपीठ के समक्ष मामले पर सुनवाई हुई। प्रार्थी द्वारा दायर याचिका में सीबीआई(CBI) की जांच पर खामियों को उजागर करते हुए इस मामले की जांच पुनः करवाने की मांग की गई है। मामले पर अगली सुनवाई छह सप्ताह बाद होगी।
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आपको बता दें कि इससे पहले भी दो महीने पहले इस मामले में सुनवाई हुई थी। पिछली सुनवाई में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (Himachal Pradesh High Court) ने गुड़िया दुष्कर्म मामले की जांच फिर से करवाए जाने की मांग को लेकर दायर याचिका में सीबीआई को नोटिस दिया था। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस लिंगप्पा नारायण स्वामी (Chief Justice Lingappa Narayana Swamy) और न्यायाधीश अनूप चिटकारा की खंडपीठ ने मामले की प्रारंभिक सुनवाई के बाद सीबीआई को यह नोटिस (CBI Notice) जारी किया था। आपको बता दें कि गुड़िया के परिजनों की ओर से हाईकोर्ट (High Court) में मामले की फिर से जांच करवाने की याचिका दायर की गई है। हालांकि इससे पहले गुड़िया के परिजनों ने सुप्रीम कोर्ट में फिर से विस्तृत जांच के लिए याचिका लगाई थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने याचिका वापिस लेने की देते हुए हिमाचल हाईकोर्ट (Himachal High Court) में ही याचिका दायर करने की पक्ष रखने के लिए कहा था। दरअसल सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का कहना था कि जब हाईकोर्ट द्वारा मामले पर पहले स्वतः संज्ञान लिया गया था और मामले की जांच के लिए सीबीआई (CBI) को दी गई थी तो इस स्थिति में यही ठीक होगा कि प्रार्थी हाईकोर्ट के समक्ष ही अपना पक्ष रखे।
लॉ यूनिवर्सिटी के मामलों के लिए कमेटी गठित
इसके अलावा हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एल नारायण स्वामी ने हिमाचल प्रदेश नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी से जुड़े सभी मामलों को देखने के लिए दो सदस्यीय कमेटी के गठन किया है। अधिसूचना के अनुसार न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान व न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ को इस कमेटी का सदस्य बनाया गया है। मुख्य न्यायाधीश सलाहकार समिति के पदेन सदस्य होंगे और लॉ यूनिवर्सिटी से जुड़ी सभी सिफारिशों को कमेटी द्वारा मुख्य न्यायाधीश के समक्ष आगामी कार्यवाई हेतु रखा जाएगा।