-
Advertisement
कर्ज न चुकाने पर एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस का सुभाष चंद्रा के मकान पर ‘कब्जा’
Last Updated on October 2, 2023 by Soumitra Roy
नई दिल्ली। एस्सेल ग्रुप के चेयरमैन सुभाष चंद्रा (Subhash Chandra) के मुंबई के चर्चगेट में बने एक मकान पर एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस ने ‘सांकेतिक कब्जा’ कब्जा किया है। असल में सुभाष चंद्रा ने इसी प्रॉपर्टी को एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस (LIC Housing Finance) के पास गिरवी रखकर 570 करोड़ रुपए का लोन 2018 में लिया था। लेकिन 5 साल बाद भी लोन न चुकाने पर एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस ने बाकायदा विज्ञापन निकालकर मकान पर कब्जा कर लिया है।
दिसंबर 2021 में जारी हुआ था नोटिस
विज्ञापन में आगे बताया गया कि LIC हाउसिंग फाइनेंस ने 13 दिसंबर 2021 को एक डिमांड नोटिस (Demand Notice) जारी किया था। इसमें उधारकर्ताओं- वसंत सागर प्रॉपर्टीज और पैन इंडिया इंफ्रा प्रोजेक्ट्स के साथ ही गारंटर सुभाष चंद्रा को 60 दिन के भीतर लगभग 570 करोड़ रुपये की कुल राशि वापस करने के लिए कहा गया था।
अब संपत्ति का सौदा नहीं हो सकता
LIC हाउसिंग फाइनेंस द्वारा अखबार में प्रकाशित विज्ञापन में कहा गया, ‘उपरोक्त उधारकर्ताओं/गारंटरों द्वारा राशि वापस न करने के कारण, उपरोक्त उधारकर्ताओं/गारंटरों को विशेष रूप से और आम जनता को यह सूचित किया जाता है कि अधोहस्ताक्षरकर्ता ने सेक्युरिटाइजेशन (Enforcement) नियम, 2002 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए नीचे वर्णित एसेट्स का ‘सांकेतिक कब्जा’ (Symbolically Attached) ले लिया है।’ ऋणदाता ने वित्तीय परिसंपत्तियों के प्रतिभूतिकरण और पुनर्निर्माण एवं प्रतिभूति ब्याज अधिनियम, 2002 के तहत संपत्ति का प्रतीकात्मक कब्जा ले लिया है। विशेष रूप से उधारकर्ताओं और गारंटरों एवं आम जनता को संपत्ति के साथ सौदा नहीं करने की चेतावनी भी दी गई है।
एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस के मुनाफे में बढ़ोतरी
बीएसई पर बीते सत्र में एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस का शेयर 1.27 फीसदी बढ़कर 463.90 रुपये पर बंद हुआ था। पहली तिमाही में LIC हाउसिंग फाइनेंस ने हाउसिंग लोन की मजबूत मांग के कारण अपने स्टैंडअलोन शुद्ध लाभ में 43 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की और यह 1,324 करोड़ रुपये रहा। कंपनी ने एक साल पहले की समान अवधि में 925 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया था। एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस की शुद्ध ब्याज आय (NII) इस साल 30 जून को समाप्त तिमाही में 38 प्रतिशत बढ़कर 2,252 करोड़ रुपये हो गई।
यह भी पढ़े:एमपी की तर्ज पर राजस्थान में भी चलेगा मंत्रियों-सांसदों का ‘पैराशूट’ मॉडल