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किसान आंदोलन पर व्यवस्था के लिए हर दिन 50 लाख रुपए खर्च रही खट्टर सरकार
सोनीपत। कृषि कानूनों (Agricultural Laws) के खिलाफ लंबे समय से आंदोलन चल रहा है। दिल्ली से लगते बॉर्डर पर किसान कई महीनों से धरना (Farmers Protest) दे रहे हैं। इसी तरह कुंडली और टीकरी बॉर्डर (Kundli-Tikri) में भी किसान संगठन धरना दे रहे हैं। इस वजह से नेशनल हाईवे और अन्य रास्ते बंद होने हैं। इससे उद्योगों को भी नुकसान पहुंच रहा है। ऐसे में किसान आंदोलन (Farmers Protest) पर सरकार को हर दिन करीब 50 लाख रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं। यह रकम धरनास्थलों पर सुरक्षा (Security) व्यवस्था से लेकर अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने पर खर्च हो रही है।
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यही नहीं, अर्द्धसैनिक बलों (Paramilitary Force) का वेतन भी हरियाणा सरकार को उठाना करना पड़ रहा है। ऐसे में किसान आंदोलन खट्टर सरकार के खजाने पर पर भी काफी भारी पड़ रहा है। आपको बता दें कि किसानों ने कृषि कानून (Agricultural Laws) रद्द कराने की मांग को लेकर कुंडली और टीकरी बॉर्डर पर डेरा डाला है। इन दोनों जगहों पर अर्द्धसैनिक बलों (Paramilitary Force) की करीब 26 कंपनियां तैनात की गई हैं। इसके साथ ही चार कंपनी रिजर्व पुलिस की तैनात दोनों जगहों पर तैनात हैं।
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आपको बता दें कि अर्द्धसैनिक बल (Paramilitary Force) के जवान जब कोई राज्य सुरक्षा व्यवस्था मांगता है तो उस राज्य को ही जवानों के वेतन से लेकर खाने और रहने का प्रबंध करना होता है। इस वजह से सुरक्षा (Security) व्यवस्था पर हर महीने करीब 13 करोड़ रुपए खर्च हो रहे है। जबकि अन्य व्यवस्थाओं पर करीब दो करोड़ रुपए से ज्यादा हर महीने खर्च हो रहे हैं। यही नहीं, स्वास्थ्य विभाग (Health Department) की 20 टीमें भी किसानों की सेहत की जांच के लिए लगाई हुई हैं। किसान संगठन (Farmers Organization) जहां धरना दे रहे हैं वहां 150 से ज्यादा सफाई कर्मी भी लगाए गए हैं। स्थानीय प्रशासन द्वारा इन जगहों पर 120 शौचालय, करीब 24 पानी के टैंकर, कैमरे, टैंट, गद्दे समेत अन्य व्यवस्थाएं की गई हैं। फायर ब्रिगेड की 18 गाड़ियां भी मौके पर तैनात हैं। डीसी श्यामलाल पूनिया (DC Shyamlal Poonia) ने बताया कि धरनास्थलों पर व्यवस्थाओं के लिए स्थानीय प्रशासन को अलग से बजट मांगना पड़ा है। जहां सोनीपत प्रशासन ने करीब 65 लाख रुपए का प्रस्ताव बनाकर सरकार को भेजा है।
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