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हिमाचल विधानसभा: सरकार ने स्कूल भवनों के निर्माण को लेकर हटाई बड़ी शर्त
Last Updated on December 14, 2021 by admin
धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश सरकार ने प्रदेश में स्कूल भवनों के निर्माण (construction of school buildings) कार्यों को लेकर एक बड़ी शर्त हटा दी है। पहले जहां किसी भी भवन निर्माण के टेंडर प्रोसेस (Tender Process) से पहले 30 फीसदी राशि लोक निर्माण विभाग के खाते में जमा होनी चाहिए थी, वहीं अब सरकार ने साफ कर दिया है कि 20 फीसदी राशि जमा होने पर निर्माण कार्यों के टेंडर हो सकेंगे। लोक निर्माण विभाग को इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए गए हैं। शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर (Govind singh Thakur) ने विधायक राकेश जम्वाल के सवाल के जवाब में आज सदन में प्रश्नकाल के दौरान इसका ऐलान किया। गोविंद ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार स्कूल भवनों के निर्माण के लिए ज्यादा से ज्यादा बजट उपलब्ध करवाएगी। उन्होंने कहा कि अगले वित्त वर्ष के बजट में स्कूलों के लिए बड़ा इंतजाम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि स्कूल भवनों के निर्माण के लिए सरकार ने ज्यादा बजट रखा है। लेकिन कई जगह अभी किन्हीं कारणों से काम शुरू नहीं हो पाए हैं और कई स्थानों पर काम पूरे नहीं हो पाए हैं।
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उधर, शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने माकपा सदस्य राकेश सिंघा और बीजेपी सदस्य पवन नैय्यर के संयुक्त सवाल के जवाब में कहा कि पुलिस विभाग के कांस्टेबलों की भर्ती रेगुलर आधार पर की गई है। उन्होंने कहा कि केवल दो कर्मचारी पुलिस विभाग में कॉन्ट्रैक्ट पर लगे हैंए जिनमें एक शिमला और एक धर्मशाला में है। सुरेश भारद्वाज ने कहा कि पुलिस कांस्टेबल को नियमित आधार पर भर्ती किया जाता है। इनके भर्ती नियम वर्ष 2015 में बदले गए थे। उन्होंने जानकारी दी कि राज्य में कुल 23417 अनुबंध कर्मचारी नियुक्त किए गए हैं। इनका अनुबंध कार्यकाल 3 साल से घटाकर 2 साल कर दिया गया है। प्रदेश में सरकारी विभागों में इस समय 18 हजार 106 कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारी हैए जबकि निगम और बोर्डों में 5311 अनुबंध कर्मचारी तैनात हैं।
शहरी विकास मंत्री ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने जो आदेश कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों के संबंध में दिए हैं उसे राज्य में लागू कर दिया गया है। उन्होंने सदन में यह भी बताया कि कर्मचारियों के लिए नया वेतनमान शीघ्र ही लागू कर लिया जाएगा। विधायक राकेश सिंघा ने सदन में होमगार्ड कर्मचारियों का मामला भी उठाया और सरकार से पूछा कि इन कर्मचारियों के लिए कब तक नीति बनाई जाएगी।
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आनी के विधायक किशोरी लाल के सवाल के जवाब में शहरी विकास मंत्री ने सदन में जानकारी दी कि आनी विधानसभा क्षेत्र में विधायक प्राथमिकता के तहत पिछले तीन सालों में कुल 9 योजनाएं स्वीकृत की गई हैं। इनमें से 8 की डीपीआर तैयार हो चुकी है, परंतु अभी तक काम किसी पर भी शुरू नहीं हुआ है। सुरेश भारद्वाज ने कहा कि आनी हलके में जल शक्ति से जुड़ी 6 योजनाएं व लोकनिर्माण विभाग से जुड़ी 3 योजनाएं स्वीकृत हैं, इनमें से 8 की डीपीआर बन चुकी है। वहीं, विधायक किशोरी लाल ने इस योजनाओं पर काम शुरू न होने को लेकर नाराजगी जताई व शीघ्र काम करने की मांग उठाई।
शिमला में पानी के ही बिलों में 30 प्रतिशत सीवरेज चार्जिज भी
शिमला जल प्रबंधन निगम द्वारा 34 हजार 711 उपभोक्ताओं को पानी का बिल जारी किया जा रहा है। निगम द्वारा 2021.22 में नवंबर तक कुल 1 लाख 89 हजार 742 बिल लोगों को जारी किए गए हैं जिनमें से 67 प्रतिशत बिल मासिक आधार पर और 12 प्रतिशत बिल भी द्विमासिक आधार पर जारी किया जा रहा है। यह बात शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने नियम 324 के तहत विधायक बलवीर सिंह द्वारा उठाए गए मामले पर चर्चा के जवाब में कही। मंत्री ने कहा कि घरेलू उपभोक्ताओं को जारी किए गए कुल बिलों में 76 प्रतिशत बिल 500 रुपए से कम राशि के जारी हुए है, जबकि 2 प्रतिशत बिल 5 हजार से ज्यादा की राशि के जारी हुए हैं, उन्होंने बताया कि इस राशि में जल की उपयोग की गई मात्रा के अनुसार 30 प्रतिशत सीवरेज चार्च भी शामिल है। जिन उपभोक्ताओं को अधिक राशि के बिल जारी हुए हैं। उसका मुख्य कारण उपभोक्ताओं द्वारा पिछले कई समय से बिलों का भुगतान न करने के कारण हुआ है।
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