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यहां बेटे को नहीं बेटी को दी जाती है संपत्ति, इस देश में नहीं है कोई भिखारी
दुनियाभर में बहुत से खूबसूरत देश हैं और हर देश अपने किसी ना किसी बात को लेकर विश्वभर में मशहूर है। भारत (India) का पड़ोसी देश भूटान भी अपनी एक चीज के लिए बेहद मशहूर है। भूटान (Bhutan) को एशिया का सबसे खुश शहर माना जाता है। भूटान में कोई भी भिखारी नहीं है, यहां कोई भी ऐसा इंसान नहीं है जो बेघर और भूखा हो। भूटान में सरकार द्वारा जनता का मुफ्त इलाज दिया जाता है।
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गौरतलब है कि अब भूटान में माहौल बदल रहा है। भूटान की राजधानी थिम्पू में अब स्मार्टफोन और कराओके बार आम हो गए हैं। युवा यहां आबादी में बहुतायत में हैं और उन्होंने सोशल मीडिया को आसानी से स्वीकार कर लिया है। जिस कारण वहां स्ट्रीट फैशन में उछाल आ गया है और राजनीति में भी इस विषय पर खुलकर चर्चा हो रही है। कमाल के प्राकृतिक दृश्यों और शानदार संस्कृति के बावजूद भी भूटान अब तक पर्यटन से बचा रहा है।
भूटान में एक खुशी मंत्रालय भी है, जोकि सकल घरेलू खुशी को मापते हैं और वहां जीवन की गुणवत्ता, वित्तीय और मानसिक मूल्यों के बीच संतुलन से निर्धारित होती है। भूटान के लोग खुद को खुश मानते हैं और अपने जीवन से संतुष्ट रहते हैं। भूटान में किसी विदेशी से शादी करना निषिद्ध है। राजा अपनी विशिष्टता और दुनिया के बाकी हिस्सों से अलगाव को संरक्षित करने के लिए यह सब कुछ करता है, लेकिन ये नियम खुद राजा पर लागू नहीं होता है। भूटान में सभी जरूरी अनुष्ठान करने के बाद ही एक युगल परिवार बनता है. एक नियम के रूप में एक पुरुष एक महिला के घर आता है और जब वह पर्याप्त पैसा कमाता है तो वह दोनों दूसरे घर में जा सकते हैं।
भूटान के लोग पारंपरिक कपड़े पहनते हैं। भूटान में पुरुष भारी और घुटने की लंबाई वाले वस्त्र पहनते हैं। जबकि महिलाएं लंबी पोशाक पहनती हैं। व्यक्ति की स्थिति और सामाजिक स्तर की पहचान उनके बाएं कंधे पर दुपट्टे के रंग से की जाती है. देश में साधारण लोग सफेद दुपट्टा पहनते हैं। जबकि कुलीन लोग और साधु पीले रंग के कपड़े पहनते हैं। भूटान में ज्यादातर लोग बौद्ध हैं। भूटान में बौद्ध धर्म पूरे जानवरों की दुनिया के लिए सम्मान सिखाता है, इसलिए शाकाहार वास्तव में भूटान आम है। भूटान का मुख्य और मूल पकवान चावल है। भूटान ऊंचाई पर स्थित है इसलिए भूटान में लाल चावलों की खेती की जाती है। भूटान में लोग नमक, काली मिर्च और मक्खन के साथ काली और हरी चाय पीते हैं। भूटान में महिलाओं को सम्मानित किया जाता है और विरासत की उनकी परंपरा यह साबित करती है। भूटान में सभी संपत्ति और सामान जैसे कि उनके घर, मवेशी और जमीन सबसे बड़ी बेटी को जाते हैं, बेटे को नहीं। भूटान में किसी भी रासायनिक उत्पादों को आयात या उपयोग करने के कानून के खिलाफ है। भूटान के सारे उपयोगों की देश के अंदर खेती की जाती है जोकि पूरी तरह से प्राकृतिक होती है।
भूटान में पारंपरिक और शास्त्रीय दोनों तरह की चिकित्सा आम है। भूटान में सरकार द्वारा लोगों को मुफ्त इलाज की सेवा दी जाती है। भूटान के हर निवासी को फ्री चिकित्सा सुविधा प्राप्त करने का अधिकार है। भूटान का मुख्य निर्यात बिजली है और भूटान भारत को पनबिजली बेचता है। इसके अलावा लकड़ी, सीमेंट, कृषि उत्पाद और हस्तशिल्प का भी निर्यात करता है। भूटान के पास बहुत सेना है, लेकिन चारों ओर से घिरा होने के कारण भूटान के पास नौसेना और वायुसेना भी नहीं है। इस में भारत भूटान का ख्याल रखता है।
भूटान लंबे समय तक दुनिया के बाकी देशों से अलग देश रहा है। वर्ष 1970 में पहली बार किसी विदेशी पर्यटक को भूटान में आने की इजाज़त दी गई थी। भूटान में 1999 तक टीवी और इंटरनेट की सुविधा भी नहीं थी। दुनिया में सबसे आखिरी में टीवी का इस्तेमालस करने वाला देश भूटान है। 2008 में लोगों की आंतरिक शांति का ख्याल रखने के लिए भूटान में सकल राष्ट्रीय खुशी समिति का गठन किया गया। भूटान में जनसंख्या जनगणना प्रश्नावली में जीवन की संतुष्टी बताने के लिए एक कॉलम बनाया गया है। इस देश में अगर कोई अपना घर खो देता है तो उसे वहां का राजा घर बनाने व खेती करने के लिए जमीन का एक टुकड़ा दे देता है। भूटान पर्यावरण क्षेत्र में अग्रणी देश रहा है। भूटान में प्लास्टिक की थैलियां 1999 से प्रतिबंधित हैं। इसके अलावा वहां तंबाकू पूरी तरह से गैरकानूनी है। साल 2015 में भूटान ने एक घंटे में 50,000 पेड़ लगाने का एक विश्व रिकॉर्ड बनाया था।
देश में राजशाही और लोकतंत्र का मिलाजुला रूप है। साल 2006 में राजा जिग्मे खेसार नामग्येल वांगचुक ने भूटान में सत्ता ग्रहण की थी, जिन्हें की वहां के लोग काफी पसंद करते हैं। राजा जिग्मे खेसार नामग्येल वांगचुक ने देश में बड़े नाटकीय बदलाव लाए हैं. भारत, अमरीका और ब्रिटेन में पढ़े राजा की अब भी पूजा की जाती है और रानी जेटसुन पेमा बेहद लोकप्रिय हैं।